धार्मिक अनुष्ठान में भाजपा के लोगों ने बाधा पैदा की। कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने मुझे रोकने की कोशिश की। भाजपा के लोगों ने श्रद्धालुओं और भक्तों के साथ धक्का मुक्की की। यज्ञ में शामिल होने के लिए जिन संतों और आयोजनकर्ताओं ने हमें बुलाया था। उन्हें भाजपा और आरएसएस की तरफ से धमकियां मिल रही हैं।
भाजपा अपने को धर्म का ठेकेदार समझती है। हम तो श्रद्धा के साथ गए थे उससे भाजपा को क्यों दिक्कत हो गई। भाजपा वहां उद्दंडता एवं अराजकता के लिए जिम्मेदार है। भाजपा का आचरण किसी भी तरह नैतिक नहीं कहा जा सकता है। वह नैतिक मूल्यों से भटक गई है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा पिछड़ों और दलितों को शूद्र मानती है। हम सबको शूद्र मानती है। हम धार्मिक स्थान तक जाते हैं। संतों, गुरुओं से मिलते हैं तो भाजपा के लोगों को तकलीफ होती है। मुझे यज्ञ कार्यक्रम में शामिल होने से रोकने के लिए भाजपा ने गुंडे भेजे थे। भाजपा के गुंडों ने हम पर हमला किया। लेकिन भाजपा यह समझ ले कि हम समाजवादी लोग डरने और घबराने वाले नहीं है। प्रशासन ने पुलिस और पीएसी यहां से पहले ही हटा ली थी। जो नाम मात्र की पुलिस थी, वह भी मूक दर्शक बनी रही। याद रहे समय बदलता है और भाजपा के लोग भी याद रखें उनके लिए भी इसी तरह की व्यवस्था होगी। भाजपा बेरोजगारी और महंगाई का मुकाबला नहीं कर सकती। इसलिए अपने कार्यकर्ताओं के द्वारा हमारा और हमारे नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन करा रही है। भाजपा किसी के साथ कुछ भी व्यवहार कर सकती है।
अब समझ में आ रहा है कि मेरी एनएसजी क्यों हटाई गई? सिक्योरिटी क्यों कम की गई। मेरा घर गंगा जल से क्यां धोया गया? क्योंकि हम उनकी नज़र में कुछ और ही है। भाजपा के बिना आरएसएस नहीं, आरएसएस के बिना भाजपा नहीं।
मां पीताम्बरा के महायज्ञ कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी, विधायक रविदास मेहरोत्रा सहित पूजा शुक्ला, सुशील दीक्षित, मुकेश शुक्ला, बीनू शुक्ला, शर्मिला महाराज, अमित शुक्ला, मनोज शुक्ला, रजनीश मिश्रा, कार्तिक पाण्डेय, विनोद मिश्रा भी शामिल हुए।
स्मरणीय है श्री पीताम्बरा पीठ मध्य प्रदेश के दतिया शहर में सिद्ध पीठ के रूप में विख्यात है। यहां मुख्य रूप से शक्ति (देवी मां को समर्पित) की आराधना होती है। इस पीठ की स्थापना 1920 में हुई थी। यहां धूमावती और बगलामुखी के मंदिर भी है।