नई दिल्ली (मानवी मीडिया)-1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी। इस बजट को लेकर सभी वर्गों ने उम्मीदें लगाई हुई हैं। सबसे ज्यादा आस मध्यम वर्ग को इंकम टैक्स स्लैब को लेकर है। वहीं सूत्रों की मानें तो इंकम टैक्स स्लैब में केंद्र सरकार बड़ा बदलाव कर सकती है। हालांकि विभाग की तरफ से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। Budget 2023 में रिवाइज्ड टैक्स स्लैब (Revised Tax Slab) पेश हो सकता है।
यह टैक्सेशन सिस्टम अन्य चीजों के अलावा रेंटल होम और इंश्योरेंस पर टैक्स छूट नहीं देता है। सरकारी सूत्रों में से एक ने कहा, ‘नया इनकम टैक्स सिस्टम में छूट और कर कटौती की अनुमति देना इसे जटिल बना देगा और इस योजना को शुरू करने का इरादा नहीं था।’ टैक्सपेयर्स (Income Tax Payers) के लिए अभी 2.5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम टैक्स फ्री होती है। सूत्रों की मानें तो इसे बढ़ाने पर विचार चल रहा है. विभाग से इसे लेकर सुझाव मांगा गया है। लिमिट को बढ़ाकर 3 लाख से 5 लाख तक किया जा सकता है। इससे पहले आखिरी बार साल 2014 में इनकम टैक्स छूट की सीमा (income tax free limit) में बदलाव किया गया था। उस वक्त लिमिट को दो लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए किया गया था। ऐसा होता है तो टैक्सपेयर्स को निवेश के लिए ज्यादा पैसा मिलेगा। मौजूदा समय में टैक्सपेयर्स को पुराने और नए टैक्स सिस्टम में से किसी एक को चुनने का मौका है. सरकार ने नए टैक्स सिस्टम का लाभ उठाने वाले लोगों की संख्या के आंकड़े पब्लिक नहीं किए हैं। देश में इनकम टैक्स प्रति वर्ष 500,000 रुपये की न्यूनतम सालाना कमाई पर लगाया जाता है। प्रति वर्ष 500,000 रुपये -750,000 रुपये के बीच कमाई करने वालों को नई योजना के तहत पुराने नियमों के तहत लागू 20 फीसदी दर के मुकाबले 10 फीसदी टैक्स का भुगतान करना पड़ता है, जबकि 15 लाख रुपये से ऊपर की एनुअल इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगाया कर लगाया जाता है।