दिल्ली में लड़की मामले में नया मोड़, स्कूटी पर 1 नहीं 2 लड़कियां थीं - मानवी मीडिया

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Tuesday, January 3, 2023

दिल्ली में लड़की मामले में नया मोड़, स्कूटी पर 1 नहीं 2 लड़कियां थीं

नई दिल्ली (मानवी मीडिया): बाहरी दिल्ली के कंझावला में कार से घसीट कर 20 वर्षीय युवती की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। मोड़ यह है कि , मृतक लड़की के साथ स्कूटी पर एक और लड़की सवार थी। एक्सीडेंट के बाद दूसरी लड़की को भी चोटें आई थीं, जबकि कार में फंसी युवती को 13 किमी तक घसीटा गया था। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस आज दूसरी लड़की का बयान दर्ज कर सकती है। पुलिस ने लड़की को ट्रेस कर लिया है और उसका बयान भी दर्ज करेगी। लड़की का बयान मजिस्ट्रेट के सामने भी दर्ज होगा। सुल्तानपुरी कांड के पांचों आरोपियों ने जब कंझावला रोड पर जोंटी गांव के पास कार रोकी तो उन्होंने युवती को कार में फंसा देखा। आरोपियों ने युवती को कार के नीचे से निकाला और उसे खुले आसमान के नीचे सर्दी में वहीं फेंककर चले गए। युवती के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। आरोपियों की पहचान दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्णन (27). मिथुन (26) और मनोज मित्तल (27) के रूप में हुई है।

विशेष पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया। सिंह, डीसीपी ईओडब्ल्यू जितेंद्र कुमार मीणा और अन्य कर्मचारियों के साथ अपराध स्थल पर पहुंचीं और 12 किलोमीटर लंबा रास्ता तय किया, जिस पर कार द्वारा महिला को घसीटा गया। गृह मंत्रालय ने सोमवार को सिंह के नेतृत्व में एक जांच समिति का गठन किया था, जो मंगलवार शाम तक मामले में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इससे पहले तीन डॉक्टरों की टीम ने मृतका का पोस्टमॉर्टम किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बुधवार शाम तक सौंपी जाएगी। वहीं फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की दो टीमों ने भी घटनास्थल का दौरा किया और अपराध स्थल से साक्ष्य एकत्र किए।

एफएसएल टीम ने पीड़िता की स्कूटी और आरोपी की बलेनो कार से भी सैंपल लिए। हादसे के समय पीड़िता स्कूटी चला रही थी। कहा जाता है कि उसके कपड़े कार के पहिए में उलझ गए और उसे 12 किमी तक घसीटा गया, जिससे उसकी मौत हो गई। रविवार तड़के पीड़िता का नग्न शव कंझावला में मिला। पुलिस ने कार सवार सभी पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वे फिलहाल तीन दिन के पुलिस रिमांड पर हैं। एक चश्मदीद के मुताबिक उन्होंने तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया। उसके बाद मैंने उस कार का पीछा करना शुरू किया, मुझे एहसास हुआ कि जो लोग उसमें सवार थे वे बहुत धीमी गति से कार चला रहे थे और लाश अभी भी कार के नीचे फंसी हुई थी। इस बीच मैं पुलिस को कॉल कर-करके मिनट-दर-मिनट अपडेट दे रहा था। मैं 45 मिनट में उन्हें 18-20 बार कॉल किया, जिनमें से एक कॉल 10 मिनट से ज्यादा चली।

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