लखनऊ (मानवी मीडिया)रेडियोथेरेपी विभाग के 36 वें स्थापना दिवस का आयोजन किया गया। आयोजन के मुख्य अतिथि कुलपति केजीएमयू लेफ्टिनेंट जनरल डा. बिपिन पुरी रहे। उन्होंने कहा कि संकाय सदस्यों को चाहिए कि वे अधिक से अधिक extramural grant प्राप्त करें। शोध पत्र high impact factor journal में प्रकाशित करें। रोगियों को असाध्य श्रेणी एवम आयुष्मान सुविधा का लाभ प्रदान कराएं।
प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में पाए जाने वाला दूसरा सबसे सामान्य कैंसर है। बढ़ती आयु के साथ साथ इसका खतरा भी बढ़ता जाता है। सर्जरी, hormonal therapy और रेडियोथेरेपी इस कैंसर के उपचार में कारगर हैं। रेडियोथेरेपी की उत्कृष्ट चिकित्सा SBRT प्रोस्टेट कैंसर में बहुत सहायक है। इस विधि से रेडिएशन की dose को कम दिनों में पूरा कर लिया जाता है। इससे रोगी को अधिक दिन अस्पताल में नहीं आना पड़ता है। कैंसर को रेडिएशन की इस विधि से अधिक चोट पहुंचती है। यह समस्त जानकारी USA से डा. मधुर गर्ग द्वारा दी गई। डा. गर्ग ने केजीएमयू से वर्ष 1992 में एमबीबीएस की परीक्षा उत्तीर्ण की। डा. गर्ग वर्तमान में einsteen school of medicine में डायरेक्टर clinical radiation oncologist के पद पर कार्यरत हैं।
विभाग में मशीनों को उच्चीकृत किया जाए एवम दो नए लीनियर एक्सीलरेटर उपचार हेतु उपलब्ध हो जाए, यह मांग विभागाध्यक्ष प्रो एमएलबी भट्ट द्वारा की गई। उन्होंने कहा कि कोविड काल में भी विभाग द्वारा निरंतर कैंसर रोगियों को चिकित्सा प्रदान की गई, यह अपने आप में सराहनीय रहा।
उत्कृष्ट सेवा के लिए निम्न कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया -
1. सुशील निगम
2. अजय श्रीवास्तव
3. विनोद कुमार
4. रमेश दुबे
5. ऊषा रानी
कार्यक्रम में dean academics प्रो ए के त्रिपाठी, प्रो शालीन कुमार, प्रो अरुण चतुर्वेदी, संकाय सदस्यों एवम छात्रों द्वारा भाग लिया गया।