गोसंरक्षण कार्योंं में लापरवाही पर बदायूं के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, शामली के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी का वेतन रोकने के निर्देश - मानवी मीडिया

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Wednesday, December 28, 2022

गोसंरक्षण कार्योंं में लापरवाही पर बदायूं के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, शामली के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी का वेतन रोकने के निर्देश


लखनऊ (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री  धर्मपाल सिंह ने आज यहां पशुपालन निदेशालय में आयोजित विभाग के मण्डलीय अपर निदेशक, जनपदीय मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं प्रक्षेत्र प्रबंधकों की वर्चुअल समीक्षा बैठक में कहा कि मिशन मोड में अगले तीन माह 01 जनवरी से 31 मार्च, 2023 तक प्रत्येक दशा में बेसहारा एवं निराश्रित गोवंश का गोआश्रय स्थलों में संरक्षण सुनिश्चित किया जाए और इस अवधि के बाद गोवंश सड़कों या खेतों पर न दिखने पायें। इस कार्य के दृष्टिगत अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को अवकाश स्वीकृत न किया जाए। मंत्री  ने  गोण्डा, बस्ती, बदायूं, जौनपुर, झांसी, आगरा, गोरखपुर, कन्नौज, तथा फिरोजाबाद जनपदों के अधिकारियों द्वारा निराश्रित गोेवंश के संरक्षण कार्य में अपेक्षित प्रगति न किये जाने पर अप्रसंन्नता व्यक्त की। इस मामले में संरक्षण कार्य में लापरवाही पर उन्होंने जनपद गोण्डा व गोरखपुर के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी का स्पष्टीकरण लेने तथा जनपद बदायूं के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी का वेतन रोकने तथा मिशन ए0आई0 (कृत्रिम गर्भाधान) कार्यक्रम में उदासीनता बरतने पर शामली के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी का वेतन रोके जाने के निर्देश दिये। 

पशुधन मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि गोवंश का संरक्षण एवं संवर्धन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है और यह आमजनमानस की आस्था एवं भावनाओं के साथ भी जुड़ा हुआ है। इसलिए निराश्रित गोवंश की देखरेख के कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न की जाए और उनके संरक्षण हेतु सरकार द्वारा दिये जा रहे दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को सख्ती से निर्देशित करते हुए कहा कि सरकार गोवंश के प्रति संवेदनशील है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। विभागीय अधिकारी नियमित रूप से गोसंरक्षण कार्यों का स्थलीय रूप से निरीक्षण करें और आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। ठंड के दृष्टिगत गो-आश्रय स्थलों पर गोवंश हेतु चारा, भूसा, प्रकाश, चिकित्सा, सुरक्षा एवं औषधियॉ आदि की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से निरीक्षण भी किया जाए। उन्होंने कहा कि निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश को सुरक्षित रूप से गोआश्रय स्थलों पर पहुंचाने के लिए कैटल कैचर आवश्यक रूप से प्रत्येक जिले में उपलब्ध कराये जायें। 

पशुधन मंत्री ने 100 दिवसीय मिशन ए0आई0 अभियान के प्रगति की भी समीक्षा की, जिसके तहत 75 लाख कृत्रिम गर्भाधान के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने जनपद गोरखपुर, संतकबीरनगर, जालौन, रामपुर, झांसी, बिजनौर, गाजियाबाद, मऊ, फतेहपुर, शामली तथा गाजीपुर जिलों की धीमी प्रगति पर अप्रसन्नता व्यक्त की और शीघ्र लक्ष्य प्राप्त करने के सख्त निर्देश दिये। 

बैठक में मंत्री  ने निराश्रित गोवंश संरक्षण की प्रगति भरण-पोषण में दी गयी धनराशि के सापेक्ष व्यय, वृहद गोआश्रय स्थल, अस्थायी गोआश्रय स्थलों के निर्माण, संरक्षित गोवंश को ठंड से बचाव हेतु किये गये उपाय, संरक्षित गोवंश हेतु भूसा/हरा चारा, दाना की उपलब्धता, वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट के सापेक्ष स्वीकृतियां एवं व्यय की समीक्षा तथा मोबाइल वेटनरी यूनिट का संचालन आदि कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की गहन एवं विस्तृत समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये और कहा कि अधूरे कार्यों को शीघ्र पूर्ण किया जाए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास डा0 रजनीश दुबे ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि निराश्रित गोवंश संरक्षण कार्यों एवं मिशन ए0आई0 की दैनिक रूप से समीक्षा की जाए और समस्याओं का त्वरित निदान करते हुए प्रशासन को भी अवगत कराया जाए। उन्होंने निराश्रित गोवंश से संबंधित अद्यतन स्थिति एवं विभिन्न योजनाओं की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति से मंत्री को अवगत कराया और आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन किया जायेगा। बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव  देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, पशुपालन विभाग के निदेशक प्रशासन एवं विकास डा0 इन्द्रमणि तथा निदेशक रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डा0 पीके सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।़़

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