मुख्यमंत्री योगी ने कृषि विभाग के 431 वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों का नियुक्ति पत्र किया वितरण - मानवी मीडिया

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Friday, December 16, 2022

मुख्यमंत्री योगी ने कृषि विभाग के 431 वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों का नियुक्ति पत्र किया वितरण

लखनऊ: (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम एक कृषि प्रधान देश के सबसे बड़े कृषि प्रधान प्रदेश में  निवास कर रहे हैं। प्रदेश में आज भी बड़ी आबादी की आजीविका का माध्यम कृषि है। प्रदेश की उर्वरा भूमि तथा पर्याप्त जल संसाधन खेती की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाते हैं। कृषि के विकास के लिए केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर अनेक प्रयास कर रही है, इनमें अन्नदाता किसानों को समय पर अच्छी तकनीक, अच्छी गुणवत्ता के बीज दिलाने तथा समय के अनुरूप उन्हें अपडेट करना सम्मिलित हैं।

मुख्यमंत्री  आज यहां लोक भवन सभागार में निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा अधीनस्थ कृषि सेवा (वर्ग-1) के लिए चयनित 431 वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने 11 नवचयनित वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को इस चयन की प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से सम्पन्न करने के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर नवचयनित वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों ने निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त किया।  

मुख्यमंत्री  ने प्रदेश में मिशन रोजगार के अन्तर्गत नव चयनित वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों को बधाई देते हुए कहा कि आपके पास अच्छी डिग्री के साथ-साथ अच्छा अनुभव भी है। उनकी प्रतिभा व अनुभव का लाभ राज्य के अन्नदाता किसानों को दिलाने के लिए आज 431 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरण का कार्य हो रहा है। प्रदेश में 06 कृषि विश्वविद्यालय स्थित हैं। इनके माध्यम से देश व प्रदेश को अच्छे कृषि स्नातक मिल रहे हैं। यह संस्थान अन्नदाता किसानों के सहयोग के लिए अच्छी प्रशिक्षित टीम को उन तक पहुंचा रहे हैं। प्रदेश में भारत सरकार के सहयोग से 89 कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित हैं। किसानों के प्रशिक्षण, उन्हें नई तकनीक के बारे में जानकारी देने तथा समय पर प्रमाणित बीज की उपलब्धता की दिशा मंे कृषि विज्ञान केन्द्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश को देश की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में स्थापित किया जाना है। इसके लिए हमें उन सेक्टर्स को चिन्हित करना होगा, जहां सबसे अच्छी सम्भावनाएं हैं। प्रदेश में सबसे अधिक सम्भावना का क्षेत्र स्वाभाविक रूप से कृषि है। अगर हम थोड़ा प्रयास कर लें, तो आगामी कुछ वर्षों में कृषि क्षेत्र की क्षमता को तीन गुना बढ़ा सकते हैं। उत्तर प्रदेश देश ही नहीं, बल्कि दुनिया का पेट भरने की क्षमता रखता है। इन सम्भावनाओं पर कार्य करने की आवश्यकता है। 

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 में देश की बागडोर सम्भालने के बाद कृषि के विकास के लिए अनेक प्रयास किये। इनमें स्वायल हेल्थ कार्ड की व्यवस्था, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना तथा किसानों के कल्याण के लिए दुनिया की सबसे बड़ी योजना पी0एम0 किसान सम्मान निधि शामिल हैं। उत्तर प्रदेश मंे 02 करोड़ 54 लाख से अधिक किसान पी0एम0 किसान योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। इन्हें हर वर्ष 06 हजार रुपये भारत सरकार के माध्यम से प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत विगत साढ़े पांच वर्षों में 22 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध कराई गयी है। 

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रदेश में सरफेस वॉटर की कमी नहीं है, लेकिन पहले उसका उचित नियोजन नहीं होता था। खेतों में उस जल को पहुंचाने के लिए सुविधाएं नहीं थी। राज्य में वर्षों से लम्बित सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण कराया गया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में सन् 1972 में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना बनी थी। उस समय योजना की लागत 100 करोड़ रुपये थी। समय पर कार्य पूरा न होने के कारण उसकी लागत बढ़ती गई। विगत वर्ष केन्द्र व राज्य सरकार ने मिलकर यह परियोजना पूर्ण की है। इसके माध्यम से 14 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा मिली है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में अर्जुन सहायक, विन्ध्य क्षेत्र में बाण सागर परियोजना, पश्चिम में मध्य गंगा नहर परियोजना जैसी दशकों से लम्बित अनेक परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाने का कार्य किया गया।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि आज पद्म पुरस्कारों में उत्तर प्रदेश के प्रगतिशील किसान भी स्थान प्राप्त करते हैं। विगत 08 वर्षों में जनपद बाराबंकी, वाराणसी, बुलन्दशहर तथा सहारनपुर के किसान इन पुरस्कारों का हिस्सा बने हैं। इन प्रगतिशील किसानों में बहुत पोटेंशियल है। उन्होंने अपनी मेहनत से बेहतरीन करके दिखाया है। इस दिशा में हम भी प्रयास कर सकते हैं। प्रदेश सरकार ने किसानों द्वारा लिये गये निजी नलकूप कनेक्शनों के लिए सब्सिडी दी। अब सरकार सोलर पैनल के माध्यम से किसानों को मुफ्त बिजली उपलब्ध करने की व्यवस्था से जोड़ रही है। अन्नदाता किसान इसके माध्यम से अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। राज्य सरकार ने अपनी नीति के अन्तर्गत नेट बिलिंग और नेट मीटरिंग की कार्यवाही को आगे बढ़ाया है। अन्नदाता किसान पी0एम0 कुसुम योजना के माध्यम से इसका लाभ ले सकते हैं। वर्तमान में 30 हजार किसानों को सोलर पैनल उपलब्ध कराने की व्यवस्था डबल इंजन की सरकार कर रही है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि शासन की सभी योजनाओं का लाभ पात्रता के अनुसार प्रदेश के विभिन्न किसानों को मिले, इसमें वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों की बड़ी भूमिका हो सकती है। उन्हें तकनीक उपलब्ध कराने में आप सहायक हो सकते हैं। हमें समय के अनुरूप चलना होगा। कोरोना महामारी का सामना दुनिया ने किया। भारत का कोविड प्रबन्धन सबसे बेहतरीन था। कोरोना के समय भी कृषि क्षेत्र की उत्पादकता पर कोई असर नहीं पड़ा था। ऐसे समय में दुनिया को भुखमरी से बचाने के लिए हमारे अन्नदाता किसानों तथा कृषि वैज्ञानिकों ने अपनी भूमिका निभाई। जिन देशों की फर्टिलाइजर, केमिकल तथा पेस्टीसाइड पर ज्यादा निर्भरता थी, वहां खेती अच्छी स्थिति मंे नहीं थी, क्योंकि इन सभी का उत्पादन कोविड काल मंे रुक गया था। प्रधानमंत्री  ने इसका बेहतरीन विकल्प नेचुरल फार्मिंग मिशन के रूप में दिया। यह केन्द्रीय बजट का हिस्सा बना।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि नेचुरल फार्मिंग के अन्तर्गत जीवामृत तथा घनामृत का प्रयोग करते हुए पैदावार को बढ़ाया जा सकता है। इसकी लागत भी कम आती है। इसके माध्यम से प्रति एकड़ 12 से 14 हजार रुपये की बचत देखने को मिली है। राज्य सरकार ने गंगा के तटवर्ती 27 जनपदों तथा बुन्देलखण्ड के 07 जनपदों को नेचुरल फार्मिंग के साथ जोड़ा है। सरकार इन सभी जनपदों में टेस्टिंग लैब, मास्टर ट्रेनर आदि की उपलब्धता की कार्यवाही कर रही है। बहुत से किसानों ने इसमें अच्छे प्रयास किये हैं। हमें समय के अनुरूप चलते हुए लोगों को बताना होगा कि प्राकृतिक खेती आज की मांग है। ग्लोबल वॉर्मिंग की चुनौती का सामना करने के लिए इस दिशा में अच्छा प्रयास किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा बिना भेदभाव के ईमानदारी व पारदर्शिता के साथ वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों के चयन की प्रक्रिया पूरी हुई है। आपके कार्यक्षेत्र का निर्धारण भी पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है। शासन की अपेक्षा है कि आप भी ईमानदारी व पारदर्शिता के साथ कृषि क्षेत्र में विकास की रफ्तार को डबल डिजिट मंे पहुंचाकर प्रदेश के विकास में अपना योगदान देंगेे। अन्नदाता किसानों के साथ बेहतरीन संवाद बनाकर उन्हें इस व्यवस्था से जोड़े रखने के लिए आपको सदैव तत्पर रहना होगा। अपने क्षेत्र की जानकारी के साथ ही, केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी लेना, प्रगतिशील किसानों के साथ संवाद करना तथा किसानों के समूह को अपडेट करते हुए शासन की योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाने के कार्यों से आप जुड़ेंगे तो, उसके बेहतरीन परिणाम आएंगे।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप भारत को 05 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने तथा उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए आपका भी दायित्व बनता है। प्रदेश के प्रगतिशील किसानों ने अनेक जगहों पर अच्छा कार्य किया है। प्रधानमंत्री  ने अपने मन की बात कार्यक्रम में इसका उल्लेख किया है। जनपद सुलतानपुर में एक किसान ड्रैगनफ्रूट का उत्पादन कर रहा है। जनपद बिजनौर में एक किसान 06 एकड़ खेती से प्रतिवर्ष 01 करोड़ रुपये की कमाई कर रहा है। जनपद मुरादाबाद में एक किसान ने खेती को निर्यात का माध्यम बनाया है। हम भी इन कार्यांे में किसानों की मदद कर सकते हैं। अनेक किसानों को इसके लिए प्रेरित कर सकते हैं। सहफसली व्यवस्था से उन्हें जोड़ सकते हैं। प्राकृतिक खेती से उन्हें जोड़कर खेती की लागत को कम करने में सहायक हो सकते हैं। बागवानी, सब्जी उत्पादन तथा पशुपालन के क्षेत्र में उन्नत पशुधन की उपलब्धता में सहायक बन सकते हैं। आपका कार्य एक माडॅल बन सकता है, फिर वह आपके नाम से जाना जायेगा। आपको इसके लिए अपने आपको तैयार करना होगा।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप ईमानदारी व प्रतिबद्धता के साथ अपने योगदान से उत्तर प्रदेश को देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनाने में हमें सफलता मिल सकती है। प्रदेश में वर्तमान में नीति आयोग के सहयोग से 100 आकांक्षात्मक विकासखण्डों का चयन किया गया है। इनकी विकास दर अन्य विकास खण्डों की तुलना में कमजोर है। इनके लिए अतिरिक्त प्रयास करने हैं। प्रदेश सरकार ने वहां पर एक-एक मुख्यमंत्री फेलो की तैनाती की है। यह फेलो शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि व जल संसाधन, स्किल डेवलपमेन्ट, रोजगार तथा वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में प्रगति से शासन को अवगत कराता है। नियोजन विभाग इसका नोडल विभाग है। यह उसकी सतत मॉनिटरिंग कर रहा है। आपमें से बहुत से वरिष्ठ प्राविधिक सहायक आकांक्षात्मक विकासखण्डों में जाएंगे। उन विकासखण्डों में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए अपने आपको तैयार करते हुए उन्हें सामान्य विकासखण्डों की तर्ज पर विकसित करने में योगदान दे सकते हैं।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि अगर विकास की प्रक्रिया सभी जगह समान रूप से हो तो, कोई भी अव्यवस्था की शिकायत नहीं करता है। इस दिशा में सभी को प्रयास करना चाहिए। प्रदेश में आकांक्षात्मक जनपद के विकास को बेहतरीन ढंग से आगे बढ़ाया गया है। वर्ष 2018-19 में नीति आयोग ने देश में 112 जनपदों को आकांक्षात्मक जनपद के रूप में चिन्हित किया था। उत्तर प्रदेश के 08 जनपद आकांक्षात्मक जनपद थे। उस समय प्रदेश के सभी 08 आकांक्षात्मक जनपद सर्वाधिक पिछड़े जनपदों में से थे। विगत 04-05 वर्षों मंे उन जनपदों मंे प्रदेश सरकार ने नीति आयोग के समन्वय से कार्य किये। इसके परिणामस्वरूप आज देश के टॉप-10 जनपदों में, जिनमें अच्छा कार्य हुआ है, प्रदेश के 05 जनपद तथा टॉप-20 में प्रदेश के सभी 08 आकांक्षात्मक जनपद शामिल हैं। नीति आयोग ने इन जनपदों को विभिन्न पुरस्कार प्रदान किये है। आपको भी विकास की इस प्रक्रिया में अपना योगदान देना चाहिए। 

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री  सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि विगत साढ़े पांच वर्षों मंे मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश निरन्तर चतुर्दिक विकास की दिशा में अग्रसर हुआ है। मुख्यमंत्री जी जीवन के सभी क्षेत्रों में सुख-समृद्धि पहुंचाने के लिए निरन्तर सचेष्ट रहे हैं। मिशन रोजगार के अन्तर्गत प्रदेश के नौजवानों को बेहतर रोजगार की प्राप्ति के लिए निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है। आज उसके अन्तर्गत 431 वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जा रहा है।

कृषि राज्य मंत्री  बलदेव सिंह ओलख ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आज का दिन प्रदेश के कृषि विभाग के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मानव संसाधन की वृद्धि कृषि विभाग के कार्यों को अधिक गति देगी।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव कृषि  देवेश चतुर्वेदी, कृषि निदेशक  विवेक कुमार सिंह, सूचना निदेशक श्री शिशिर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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