कासगंज: (मानवी मीडिया) होमगार्ड पिता की हत्या की छानबीन में पुलिस के सामने चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। परिवार में कई माह से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इसी रंजिश के चलते मां-बाप के बीच दूरियां हो गई। दूरियों के चलते उन्होंने आपस में बंटवारा कर लिया। इस बंटवारे के बाद पिता बड़े बेटे और मां छोटे बेटे के साथ रहने लगी।
पिता ने बड़े बेटे के नाम की थी ज्यादा जमीन
बेटे के हाथ हमले का शिकार होमगार्ड पिता जगदीश गिरी के परिवार में कुल 15 बीघा जमीन थी। इस जमीन में से 12 बीघा जमीन को पिता ने अपने नाम पर करवा लिया था और तीन बीघा जमीन मां के पास में थी। मां कोशिश में लगी थी कि दोनों बेटों के बीच में जमीन का बंटवारा हो जाए लेकिन पिता को यह पसंद नहीं था। पिता बड़े बेटे को ज्यादा पसंद करते थे और इसी के चलते उन्होंने पत्नी और छोटे बेटे से दूरी बना ली थी। जमीन बंटवारे की असहमति ने ही दोनों के बीच दूरियों को बढ़ाया और बात बंटवारे तक पहुंची।
मां की मौत के बाद बेटे ने बनाया पिता की हत्या का प्लान
होमगार्ड पिता के द्वारा बड़े बेटे नरेंद्र के नाम पर 12 बीघा जमीन की गई थी। यह बात छोटे बेटे पुष्पेंद्र और मां को नगवार गुजरी। मां लगातार छोटे बेटे को समझाती रही लेकिन तकरीबन तीन माह पहले मां की मौत के बाद से वह कुंठित होता रहा। इसी बीच आपराधिक विचार भी उसके मन में पनपने लगे। इन्हीं विचारों के चलते पुष्पेंद्र ने अपने साले के साथ मिलकर पिता को मौत के घाट उतार दिया। आरोपी बेटे ने पहले पिता को कार से धक्का मारकर घायल किया फिर उनके सीने में गोली दाग दीं। ग्रामीणों ने जब फायरिंग की आवाज सुनी तो वह घटनास्थल की ओर दौड़े। इस बीच होमगार्ड का बड़ा बेटा नरेंद्र और परिवार के अन्य लोग भी वहां पर आ गए। आनन-फानन में घायल पिता को अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि महज 12 बीघा जमीन के लिए ही बेटा अपने पिता का हत्यारा बन गया।