पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने सोमवार को विभाग के अधिकारियों के साथ नवीन भवन सचिवालय में समीक्षा बैठक की। बैठक में विभाग के आगामी योजना तथा पूर्व से संचालित योजनाओं की समीक्षा की गयी। मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं का लाभ व्यापक स्तर पर प्रत्येक लाभार्थी को प्राप्त हो इसके लिए प्रचार-प्रसार के माध्यम से हर-घर व हर परिवार तक व्यापक सूचना दी जाय ।
पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ने पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के द्वारा संचालित की जा रही योजनाएं पूर्व दशम छात्रवृत्ति योजना प्रदेश के वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु निर्गत समय सारणी अनुसार इस योजना के अन्तर्गत आन-लाइन आवेदन जो भी प्राप्त हुए हैं। उन छात्रों को दिसम्बर माह 2022 तक छात्रवृत्ति धनराशि के हस्तान्तरण की कार्यवाही सम्पन्न कर लिए जाने हेतु आदेश दिये व कम्प्यूटर प्रशिक्षण योजना एवं छात्रावास निर्माण योजनाओं की भी समीक्षा कर सुचारू से आगामी कार्य संचालित हो व लाभार्थियों को पूर्ण रूप से लाभ प्राप्त हो इसके लिए योजना बनाकर कार्य को सफलतापूर्वक सम्पन्न करने के आदेश दिये।
मंत्री ने दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा दिव्यांगजनों के लिए संचालित योजनाओं का लाभ प्रत्येक दिव्यांगजन को प्राप्त हो इसी लक्ष्य के साथ कार्य को अंजाम तक पहुचाना है। दिव्यांगजन भरण-पोषण योजना कुष्ठावस्था पेंशन योजना, कृत्रिम अंग/ सहायक उपकरण योजना, दुकान निर्माण/संचालन योजना] शल्य चिकित्सा अनुदान योजना के बारे में समीक्षा कर कार्य को गति प्रदान कर लाभार्थियों को सफलता पूर्वक लाभ पहुचाने हेतु संबंधित अधिकारियों को आदेशित किया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों की सेवा ही मेरा आपका धर्म है। विभाग द्वारा संचालित की जा रही लाभार्थी योजनाओं का लाभ समाज में प्रत्येक दिव्यांगजन तक सुगम तरीके से पहुचें।
डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में जनपद लखनऊ स्थित एशिया महाद्धीप का द्वितीय विश्वविद्यालय है जिसकी पचास प्रतिशत सीटे दिव्यांगजन के लिए आरक्षित है जो दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अन्तर्गत संचालित है। मंत्री ने विश्वविद्यालय के कार्य की समीक्षा कर आधुनिकता पर जोर देते हुए कहा कि विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने एवं अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कार्य कर विद्यार्थियों के लिए पठन-पाठन का विश्वस्तरीय माहौल तैयार किया जायें।