अमित शाह ने मंगलवार को संसद में हंगामे के बाद खुलासा किया कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने 2005-06 और 2006-07 के वित्तीय वर्ष में चीनी दूतावास से 1.35 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त किया। यह एफसीआरए कानून के अनुकूल नहीं था, इसलिए नोटिस देकर तमाम कानूनी प्रक्रिया का पालन कर गृह मंत्रालय ने इसका रेजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया।
इसके अलावा लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि राजीव गांधी फाउंडेशन के एफसीआरए लाइसेंस को विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम 2010 की धारा 11 के प्रावधानों और धारा 12(4) (क) के तहत पंजीकरण की शर्तों के उल्लंघन के कारण एफसीआरए 2010 की धारा 14 के तहत रद्द किया गया था। वहीं राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के एफसीआरए लाइसेंस को एफसीआरए की धारा 8 (1) (क), 11,17,18 और 19 के प्रावधानों तथा धारा 12 (4) (क) के तहत पंजीकरण की शर्तों के उल्लंघन के कारण एफसीआरए 2010 की धारा 14 के तहत रद्द किया गया था।
वहीं लाइसेंस दोबारा जारी करने के सवाल पर नित्यानंद राय ने बताया कि जिस एसोसिएशन के एफसीआरए पंजीकरण को एफसीआरए 2010 की धारा 14 के प्रावधानों के अनुसार रद्द किया गया है, वह एसोसिएशन पंजीकरण रद्द किए जाने की तारीख से 3 वर्षों की अवधि के लिए पंजीकरण अथवा पूर्व अनुमति दिए जाने हेतु पात्र नहीं होगा।
राय ने ये भी बताया कि पिछले तीन वर्षों यानी 2019 से 2021 के दौरान 1,811 संगठनों के एफसीआरए पंजीकरण प्रमाणपत्र नियमों के उलंघन के चलते रद्द किए गए हैं। इस दौरान तमिलनाडु में 218 और महाराष्ट्र में 206 लाइसेंस रद्द किए गए हैं। इन संगठनों के एफसीआरए पंजीकरण प्रमाणपत्र विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम, 2010 (एफसीआरए 2010) के प्रावधानों के उल्लंघन के कारण एफसीआरए 2010 की धारा 14 के तहत रद्द किए गए हैं।
गौरतलब है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं, जबकि अन्य ट्रस्टियों में पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हैं। वहीं राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष भी सोनिया गांधी ही हैं। वहीं इसके ट्रस्टी में राहुल गांधी, अशोल गांगुली, बंसी मेहता और दीप जोशी शामिल हैं।