शनिवार को प्रदेश में निकाय चुनाव से जुड़ी बड़ी खबर आई. निकाय चुनाव में पिछड़ी जाति आरक्षण को लेकर इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया. याचिकाकर्ता की याचिका पर अब हाईकोर्ट आगामी 27 दिसम्बर को फैसला सुनाएगा. इससे पहले सरकार और याची पक्ष के वकीलों ने कोर्ट में अपनी-अपनी दलीलें रखीं।
निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण की अनदेखी को लेकर अदालत में कुल 64 याचिकाएं पड़ी हैं. शनिवार को सुनवाई के दौरान सरकार ने अदालत में कहा कि पिछले चुनाव में आरक्षण की प्रक्रिया इस चुनाव की तरह ही थी, लेकिन तब इस मामले को लेकर अदालत में कोई याचिका नहीं पड़ी थी. सरकारी वकील की इस दलील पर अदालत ने सख्त टिप्पणी की और कहा कि अगर आप के पास डाटा है तो दीजिए.
अदालत ने कहा कि सरकार ये स्पष्ट करे कि आप ओबीसी डाटा कहां से लाए. सरकारी वकील की दलील से पहले मामले में मुख्य याचिकाकर्ता पीयूष पाठक ने कहा था कि अदालत में याची की तरफ से रखे गए हर तथ्य को कोर्ट ने सुना. इस बीच OBC आरक्षण निर्धारण को लेकर पर आयोग बनाने की बात चल रही है.
बहरहाल, मामले में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. ऐसे में निकाय चुनाव के तारीखों के ऐलान पर अभी रोक जारी है. शनिवार को हुई सुनवाई में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा कि मामले को आगामी मंगलवार या 27 दिसंबर को फैसला दिया जाएगा.