लखनऊः (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज का 17वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जी ने सभी उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और पदक विजेताओं को बधाई दी।
विश्वविद्यालय को रजत जयंती वर्ष पर बधाई देते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि दूरस्थ व मुक्त शिक्षा प्रणाली एक लचीली और लागत प्रभावी शैक्षिक प्रणाली होने की वजह से शिक्षा की मुख्यधारा से वंचित रह जाने वाले जन समुदाय को शिक्षा के अवसर प्रदान करती है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा ट्रांसजेंडर और जेल के कैदियों को निःशुल्क शिक्षा तथा गोद लिए गाँवों की महिलाओं को पचास प्रतिशत शुल्क पर प्रवेश देने के निर्णय की सराहना की।
अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय मंे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में सक्रिय होने, विद्यार्थियों के लिए रोजगारपरक पाठ्यक्रमों को बहुतायत से संचालित करने, नैक से ग्रेडिंग प्राप्त होने, अपनी शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विविध शैक्षिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों से एम0ओ0यू0 करने की सराहना करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थाओं को समाज के वंचित वर्ग के अनुरूप कार्यक्रम चलाने की अपील करते हुए कहा कि ग्रामीण महिलाओं और दिव्यांगों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए।
इसी क्रम मंे राज्यपाल ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश के चार शहरों आगरा, वाराणसी, लखनऊ और ग्रेटर नोएडा में जी-20 देशों की बैठकें 01 दिसम्बर, 2022 से 30 नवम्बर, 2022 तक आयोजित की जा रही हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय को इस इवेंट में उत्साह के साथ प्रतिभागिता के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि विदेशी भाषा के जानकार छात्र इसमें प्रतिनिधियों से संवाद करके जानकारियों के प्रचार-प्रसार, विश्वविद्यालय के नवाचारों, स्टार्ट अप तथा अन्य गतिविधियों के डिजिटल प्रचार तथा प्रदर्शनी के आयोजन द्वारा हिस्सेदारी कर सकते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि युवाओं को संवेदनशीलता, देशभक्ति, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण के साथ ही अपने दायित्वों का निर्वाह करना चाहिए। कहा कि शिक्षा का क्षेत्र अत्यंत व्यापक है। अतः इसकी समग्रता को समझते हुए प्राथमिक व माध्यमिक स्तर के विद्यालयों के प्रधानाचार्य को विश्वविद्यालय में बुलाकर उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चर्चा की जाए जिससे गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके। दीक्षान्त कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल जी ने ‘‘जलभरो‘‘ कार्यक्रम से किया। मटकी में जलधारा डालकर जल संरक्षण का संदेश देते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि विश्वविद्यालय जितना जल वर्ष भर में उपयोग में लाते हैं, उतने जल संरक्षण हेतु प्रभावी प्रयास करें।
कुलपति प्रो0 सीमा सिंह ने समारोह में विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की और विद्यार्थियों को भावी जीवन में उत्कृष्ट योगदान के साथ सफलता के लिए प्रेरित किया। दीक्षांत समारोह में कुल 19,587 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई, जिसमें 5511 विद्यार्थियों को स्नातक, 8706 को परास्नातक, 2261 को परास्नातक डिप्लोमा, 507 को डिप्लोमा तथा 2602 को सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। 23 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किये गये।
इस अवसर पर राज्यपाल ने विविध स्कूलों से आए बच्चों तथा अन्य दृष्टिबाधित बच्चों को पोषण तथा पठन-पाठन की सामग्री भेंट की। दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के समस्त संकायों के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, छात्र-छात्राएं तथा बेसिक एवं माध्यमिक स्कूल के विद्यार्थी तथा दृष्टिबाधित विद्यार्थी भी उपस्थित थे।