मिश्रिख में इसी तरह के आरोप में चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस बीच, पुलिस ने तंबौर में भी दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन औपचारिक रूप से मंगलवार शाम तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था।
तीन थानों में गिरफ्तार लोगों में मुकेश, हंसराज, सोनू, शिव कुमार, राम भाटी, प्यारेराम, बौद्धसागर, सीमा, राम कुमार, जितेंद्र कुमार, रमेश बाबू, दीपू गौर और गुड्डू शामिल हैं।
पुलिस ने कहा कि, उत्तर प्रदेश निषेध के तहत गैरकानूनी धर्म परिवर्तन धर्म अधिनियम, 2021 के तहत उन पर दंगा, हमला या आपराधिक बल का आरोप लगाया गया है, ताकि लोक सेवक को अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोका जा सके।
यह गिरफ्तारी लगभग एक सप्ताह पहले सीतापुर जिले से ही एक पादरी सहित दस व्यक्तियों की गिरफ्तारी की अगली कड़ी है।
सीतापुर के एडिशनल एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि, उन्हें ग्रामीणों से शिकायत मिली थी कि तालगांव, मिश्रिख, रामपुर, मथुरा में पुरुषों का एक समूह उन्हें नौकरी, पैसे और यहां तक कि शादी के लिए प्रलोभन देकर ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का लालच दे रहा है।
दूसरी ओर, पिछले मामले में जिसमें पादरी डेविड अस्थाना को सदरपुर से धर्म परिवर्तन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, पुलिस उनके एनजीओ को किए गए विदेशी फंडिंग पर नजर रख रही है।
22 दिसंबर को डेविड को एक स्थानीय अदालत ने 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।