इसके अलावा अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को 2008 बैच के आईएएस अधिकारी पांडियन के खिलाफ जांच शुरू करने का निर्देश दिया।
आरोप लगाया गया था कि याचिकाकर्ता को जिला प्रशासन द्वारा विवादित संपत्ति को जिला प्रशासन के पक्ष में छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा था।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि गुंडा अधिनियम लगाने के लिए अपराध करने की कम से कम दो घटनाओं का उल्लेख करना आवश्यक है। लेकिन नोटिस में सिर्फ एक घटना का जिक्र है।
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही न केवल दुर्भावनापूर्ण है, बल्कि विवादित संपत्ति के संबंध में उसे परेशान करने के लिए है।