आयोग ने कानपुर के एक निजी अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों की लापरवाही के कारण छह मरीजों की आंखों की रोशनी चली जाने की मीडिया में आई खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नोटिस जारी कर घटना के संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने कहा कि वह यह भी जानना चाहेगा कि भविष्य में इस तरह की दर्दनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए और प्रस्तावित कदम क्या हैं।
एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि रिपोर्ट में यह भी शामिल होना चाहिए कि क्या अस्पताल ने मुफ्त नेत्र शल्य चिकित्सा शिविर आयोजित करने से पहले जिला अधिकारियों से पूर्व अनुमति ली थी। चार सप्ताह के भीतर जवाब मिलने की उम्मीद है। इस शिविर में आंखों की सर्जरी के बाद कितने मरीज प्रभावित हुए, इसकी जांच की जा रही है।