बैठक में मंत्री जी द्वारा निर्देश दिये गये कि दुग्ध संघों को लाभ की स्थिति में लाने हेतु हर संभव प्रयास किये जाए और सकारात्मक दृष्टि से कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि नवीन ग्रीन फील्ड डेयरी प्लान्ट मेरठ का अवशेष कार्य माह सितम्बर, 2023 तक तथा दुग्ध संघ वाराणसी में निर्माणाधीन पाउडर प्लान्ट का निर्माण कार्य निर्धारित अवधि में प्रत्येक दशा में पूर्ण करा लिया जाए। उन्होंने ई-कामर्स पोर्टल के माध्यम से बिक्री की समीक्षा करते हुए इस योजना में और अधिक तेजी लाने के भी निर्देश दिए।
दुग्ध विकास मंत्री ने दुग्ध समितियों के गठन एवं पुनर्गठन की समीक्षा करते हुए कहा कि ग्रामसभा में 100 से अधिक घर होने की स्थिति में सम्बन्धित इकाई प्रभारी उप जिलाधिकारी से प्रमाणित कराते हुए दुग्ध आयुक्त महादेय से अनुमोदन लेकर नई समिति का गठन किया जाये जिससे महिला दुग्ध समितियो को वरीयता दी जाय। गोरखपुर में गाय का दूध अधिक होने के दृष्टिगत रखते हुए दुग्ध संघ गोरखपुर को पायलट प्रोजेेक्ट पर लेते हुए वसा रहित ठोस को 8.00 प्रतिशत पर रखा जाय तथा मार्च, 2023 तक दुग्ध क्रय दरांे को न घटाया जाय।
दुग्ध विकास मंत्री द्वारा समस्त दुग्ध संघो को दुग्ध उपार्जन मंे वृद्धि करने हेतु निर्देशित किया गया। जिसमंे सभी दुग्ध संघो को नवम्बर, 2022 के शेष दिनो एवं दिसम्बर, 2022 से मार्च, 2023 तक दुग्ध उपार्जन का न्यूनतम लक्ष्य निर्धारित करते हुए समस्त प्रधान प्रबन्धको की सहमति ली गयी, जिसमें दूध मूल्य भुगतान की समस्या के निराकरण को ध्यान मे रखते हुए उसके समाधान हेतु दुग्ध संघो को अपनी जमीन बन्धक रखकर राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) से ऋण लेने तथा दुग्ध संघो के पास उपलब्ध स्क्रैप का निस्तारण एमएमटीसी के माध्यम से कराकर प्राप्त धनराशि से दुग्ध मूल्य भुगतान प्राथमिकता के आधार पर करने हेतु निर्देशित किया गया।
बैठक में दुग्ध उपार्जन एवं दुग्ध मूल्य भुगतान की समीक्षा करते हुए मंत्री जी ने जनपद वाराणसी, प्रयागराज, मिर्जापुर, गोरखपुर, कानपुर, मथुरा, आजमगढ़ तथा लखनऊ के दुग्ध संघों को संतोषजनक प्रगति न किये जाने पर सख्त निर्देश देते हुए कहा कि निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने में दुग्ध उत्पादन की विशेष एवं महत्वपूर्ण भूमिका है और इससे संबंधित कार्यों में लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
बैठक में अपर मुख्य सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास डा0 रजनीश दुबे ने दुग्ध संघो का व्ययभार कम करने हेतु बैठक में दुग्ध संघ अध्यक्षों की मॉग को दृष्टिगत रखते समस्त प्रधान प्रबन्धको को निर्देशित किया कि बूथ हेतु स्थान आवटिंत कराये तथा यदि कोई कठिनाई आये तो शासन को अवगत कराया जाये। इसके साथ ही जिला योजनान्तर्गत प्राप्त टी0आई0पी0 धनराशि की 50 प्रतिशत पशुआहार, 20 प्रतिशत मिनरल मिक्सचर एवं 30 प्रतिशत दवाओं पर व्यय करने हेतु सहमति व्यक्त की गयी।
बैठक में दुग्ध आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील, विशेष सचिव राम सहाय यादव, जनपदों से आये दुग्ध समितियों के अध्यक्ष, सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।