आगरा (मानवी मीडिया) कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान वीर सावरकर को लेकर दिए बयान के बाद से ही सियासत गर्म है. वीर सावरकर के नाम पर राजनीति चरम पर है. इसी क्रम में सावरकर के नाम पर अब आगरा में भी राजनीति शुरू हो गई है. नगर निगम के आखरी सदन में सावरकर के नाम पर चौराहे का नाम रखने और उनकी प्रतिमा स्थापित करने के प्रस्ताव को पास कर दिया गया. जिसके बाद से विपक्ष के पार्षदों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. हालंकि विरोध के बावजूद भी सदन के अंदर महापौर नवीन जैन के द्वारा प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई और प्रस्ताव को पास कर दिया गया.
दरअसल, नगर निगम के सदन कक्ष में आखरी सदन लगाया गया था, जिसमें बल्केश्वर से पार्षद अमित अग्रवाल ग्वाला के द्वारा नगर निगम सदन में प्रस्ताव पेश किया गया था. प्रस्ताव में कहा गया था कि धुलियागंज चौराहे का नाम बदल कर वीर सावरकर के नाम पर रखा जाए और वहां पर उनकी प्रतिमा लगवाई जाए, जिसके बाद विपक्ष के पार्षदों के द्वारा सदन में इसका विरोध किया गया. विपक्षी पार्षदों ने सदन में जमकर हंगामा काटा, लेकिन ज्यादातर पार्षदों की राय को ध्यान रखते हुए महापौर नवीन जैन के द्वारा धुलियागंज चौराहे का नाम बदलने और वहां पर सावरकर की प्रतिमा लगवाने का प्रस्ताव पास कर दिया गया.
ज्यादातर पार्षदों की राय के साथ पास हुआ प्रस्ताव
महापौर नवीन जैन का कहना है कि बल्केश्वर के पार्षद के द्वारा यह प्रस्ताव सदन में पेश किया गया था. इस प्रस्ताव को लेकर सभी पार्षदों से उनकी राय मांगी गई थी. ज्यादातर पार्षदों इस प्रस्ताव के समर्थन में थे. जिसके बाद इस प्रस्ताव को पास किया गया और धुलियागंज चौराहे का नाम वीर सावरकर के नाम से रखा जायेगा और वहां पर उनकी प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी.
क्षेत्रीय नागरिकों को थी आपत्ति
बल्केश्वर से पार्षद अमित अग्रवाल ग्वाला का कहना है कि धुलियागंज चौराहे के नाम को लेकर क्षेत्रीय लोगों को काफी आपत्ति थी. लोगों के द्वारा कई बार अवगत कराया गया था कि धुलियांज चौराहे के नाम से परेशानी होती है. भारतीय जनता पार्टी ज्यादातर चौराहों के नाम क्रांतिकारियों के नाम पर रखना चाहती है. मेरे द्वारा यह प्रस्ताव वीर सावरकर के नाम से कार्यकारिणी सदन से पास कराया गया है. इसका विरोध करके विपक्षियों के द्वारा अपनी दूषित मानसिकता को दिखाया गया है.
चर्चा करने की थी मांग
समाजवादी पार्टी से पार्षद राहुल चौधरी ने बताया कि बीजेपी पार्षद के द्वारा सदन में धुलियानगंज चौराहे का नाम बदलने का प्रस्ताव दिया गया. हमने इस प्रस्ताव को लेकर सदन में चर्चा करने की मांग की थी. सावरकर के द्वारा अंग्रेजों से लिखित में माफी मांगी गई थी और उनसे पेंशन ली गई थी. सरदार बल्लभभाई पटेल ने इनको गिरफ्तार कराया, लेकिन आज बीजेपी और आरएसएस के लोग ऐसे व्यक्ति को आगरा में स्थापित करना चाहते है. जिन लोगों ने अपना बलिदान देकर देश को आजाद कराया, उनके नाम पर चौराहे के नाम नहीं रखे जा रहे. जो अंग्रेजों से माफी मांगते थे, उनसे पेंशन लेते थे, उनके नाम पर चौराहे के नाम रखे जा रहे है और उनकी प्रतिमा भी लगाई जा रही है.