इस अवसर पर महिला कल्याण मंत्री ने कहा कि गरीब तथा अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के प्रति सरकार अत्यंत संवेदनशील है। ऐसे बच्चों की शिक्षा, भरण-पोषण, चिकित्सा एवं उनके सर्वांगीण विकास के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है।इसी के तहत आज मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत 200 बच्चों को लैपटॉप दिया जा रहा है।
इस अवसर पर मौर्य ने कहा कि बच्चों का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। लैपटॉप के माध्यम से वह दुनिया को और जानेंगे तथा अपनी रूचि वाले विषय की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने बच्चों को मेहनत करने एवं लक्ष्यों को प्राप्त करने की प्रेरणा दी तथा कहा कि बच्चे अपनी कार्यक्षमता को निरंतर बढ़ाते रहें। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग निराश्रित महिलाओं एवं बच्चों के पुनर्वास एवं संरक्षण हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने कोविड-19 में अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा, पुनर्वास आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारंभ 22 जुलाई 2021 को किया। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत जनपद लखनऊ में कुल 793 बच्चों को रूपये 4000 प्रति माह की दर से अर्धवार्षिक किस्त खाते में अंतरित की जा रही है तथा कक्षा 09 या उससे ऊपर की शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों को लैपटॉप वितरण किए जाने का प्रावधान है।कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की सदस्य शुचिता चतुर्वेदी ने कहा कि कोविड काल, संघर्ष काल रहा है। कोविड-19 में लोगों ने अपनों को गंवाया है, बच्चे भी इससे अछूते नहीं रहे। उन्होंने बच्चों से कहा कि खूब मेहनत से पढ़ाई करें तथा अपने लक्ष्यों की पूर्ति करें। हमें जो अवसर मिला है उसका सदुपयोग करें।
इस अवसर पर उप निदेशक महिला कल्याण प्रवीण त्रिपाठी, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी आकांक्षा अग्रवाल, जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास सिंह तथा अन्य अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।