राज्यपाल जी ने बैठक में चण्डीगढ़ से ऑनलाइन जुड़े तथा बैठक में उपस्थित ‘‘उपक्रम‘‘ के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि ‘‘एन0आई0आर0एफ0‘‘ की तैयारियों के लिए सभी पाँचों क्राइटेरिया पर विश्वविद्यालयों को बिन्दुवार विवरण उपलब्ध कराया जाए, जिससे विश्वविद्यालय अपने विवरण और डेटा को बेहतर संयोजन के साथ मूल्यांकन हेतु अपलोड कर सके।
बजट के अभाव में संसाधन को बेहतर न कर पाने की चर्चा पर राज्यपाल जी ने निर्देश दिया कि केवल उतने ही बजट की मांग शासन में प्रेषित की जाए, जितने मंे आवश्यकता की पूर्ति सम्भव है। उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय को बेहतर सुविधा-संसाधनों से युक्त करने के लिए स्थानीय उद्योगपतियों से सहयोग की अपेक्षा भी जा सकती है। राज्यपाल जी ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में बेहतर शैक्षिक स्तर और संसाधन उपलब्ध हैं। लेकिन उचित प्रस्तुतिकरण के अभाव में रैंकिंग में पिछड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क में ग्रेडिंग के लिए टीम बनाकर, लक्ष्य निर्धारित करके कार्य करें। समय का सदुपयोग करें तो बेहतर परिणाम सामने आएंगे।
बैठक में 11 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ एन0आई0आर0एफ0 रैंकिंग हेतु मूल्यांकन के लिए निर्धारित पाँच क्राइटेरिया पर बिन्दुवार अंक गणना के साथ चर्चा की गई। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आलोक राय ने प्रथम और द्वितीय क्राइटेरिया हेतु अपेक्षित विवरण और अंक विभाजन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रथम क्राइटेरिया टीचिंग, लर्निंग एण्ड रिसोर्सेस का है, जबकि दूसरा क्राइटेरिया रिसर्च एण्ड प्रोफेशनल प्रैक्टिस का है। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मुकेश पाण्डेय ने मूल्यांकन के तीसरे क्राइटेरिया ‘‘ग्रेजुएशन आउटकम‘‘ पर आवश्यक तैयारियों की जानकारी दी। डायरेक्टर जनरल ‘‘उपक्रम‘‘ तथा लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर पूनम टण्डन ने चतुर्थ क्राइटेरिया ‘‘आउटरीच एण्ड इन्क्ल्यूसिविटी‘‘ तथा पंचम क्राइटेरिया ‘‘परसेप्शन‘‘ के लिए आवश्यक तैयारियों की जानकारी दी। इसके साथ-साथ प्रो0 पूनम टण्डन ने विविध मूल्यांकनों में प्रदेश के विश्वविद्यालयों के पिछड़ जाने, अपने आवेदन पूर्ण तैयारी के साथ प्रस्तुत न करने, अपनी वृहद ब्राण्डिंग न करने, अपने संसाधनों की वृहद उपयोगिता को विश्व स्तर पर प्रदर्शित न करने जैसे तुलनात्मक अध्ययन के साथ प्रस्तुतिकरण किया। उन्होंने ये आशा भी व्यक्त की कि बेहतर तैयारियों के साथ आवेदन करने पर प्रदेश के विश्वविद्यालय सिर्फ नैक और एन0आई0आर0एफ0 ही नहीं बल्कि अन्य मूल्यांकनों में भी उच्च ग्रेड प्राप्त करने की क्षमता से युक्त हैं।
बैठक में चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय से जुड़े प्रो0 हिमानी सूद, प्रो0 संजीत तथा डा0 शान ने भी उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों की एन0आई0आर0एफ रैंकिंग हेतु बेहतर तैयारियों, तकनीकी तथा आवेदन हेतु प्रस्तुतिकरण बनाने में सहयोग पर चर्चा की गई और आगामी कार्य पद्धति से अवगत कराया गया।
बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा डॉ0 सुधीर एम0 बोवड़े ने राज्यपाल जी को विश्वविद्यालय रैंकिंग सुधार में शासन की ओर से सहयोग की जानकारी दी। उन्होंने ‘‘उपक्रम‘‘ की क्रियाशीलता की प्रशंसा की। यहाँ ये बताते चलें कि नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क में रैंकिंग के लिए शिक्षा संस्थान द्वारा खुद शिक्षा मंत्रालय में अप्लाई करना होता है। हर साल केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा यह रैंकिंग जारी की जाती है। संस्थान जो आवेदन करते हैं, उन्हें शिक्षा मंत्रालय की टीम द्वारा 05 मुख्य पैरामीटर्स तथा 16 सब पैरामीटर्स पर परखा जाता है।
बैठक में 10 विश्वविद्यालय के कुलपति, चण्डीगढ़ विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ से उपक्रम के पदाधिकारियों तथा निदेशक आई0क्यू0ए0सी0 द्वारा ऑनलाइन प्रतिभाग किया गया। जबकि कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय तथा उपक्रम की डायरेक्टर जनरल ने राजभवन सभाकक्ष में उपस्थित रहकर प्रस्तुतिकरण दिया।
इस अवसर पर बैठक में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी, प्रमुख सचिव राज्यपाल श्रीमती कल्पना अवस्थी, विशेष कार्यधिकारी शिक्षा, पंकज जॉनी सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।