लखनऊ (मानवी मीडिया) प्रदेश में 15 व 16 अक्तूबर को हुई प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) में कथित अव्यवस्था का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ पहुंच गया है। एक स्थानीय वकील ने जनहित याचिका दायर कर छूटे 12.46 लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा कराने या फिर उनकी फीस लौटाए जाने की गुहार की है। कोर्ट ने मामले के पक्षकारों उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) व राज्य सरकार के वकीलों को संबंधित जानकारी देने के लिए समय देकर अगली सुनवाई 14 नवंबर को नियत की है। वहीं अदालत ने कहा कि याची, मामले के पक्षकारों को इस आदेश से लिखित रूप से अवगत करवाएगा।
न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की खंडपीठ ने यह आदेश वकील मोतीलाल यादव की पीआईएल पर दिया। याची का कहना था कि इस बार करीब 37.50 लाख अभ्यर्थियों में से 12.46 लाख अव्यवस्था के कारण परीक्षा में शामिल नहीं हो सके। ‘अमर उजाला’ समेत अन्य मीडिया रिपोर्ट्स की संबंधित खबरें याचिका के साथ लगाकर इनके आधार पर कहा गया कि परीक्षा केंद्र बहुत दूर होने की वजह से अभ्यर्थियों को काफी मुश्किलें हुईं। यहां तक की कई को जान गंवानी पड़ी और कई चोटिल भी हुए। याची ने इसकी न्यायिक जांच भी कराए जाने की गुजारिश की हैPost Top Ad
Friday, November 11, 2022
पीईटी में अव्यवस्था मामले में जानकारी दे चयन आयोग व राज्य सरकार
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