शयन आरती के दौरान हुई घटना
उज्जैन पुलिस के मुताबिक गुडगांव से 60 वर्षीय सतीश महाकाल के दर्शन करने शाम को पहुंचे थे। संध्या आरती के बाद वे महाकाल की शयन आरती में भी शामिल हुए। इसी वक्त वे महाकाल के सामने झुके और फिर दोबारा नहीं उठे। नतमस्तक होते ही महाकाल के सामने ही उनकी मृत्यु हो गई।
अक्सर पूजा के बाद लोग नतमस्तक होकर बाबा महाकाल के सामने प्रार्थना करते हैं। सतीश के नतमस्तक होने पर वे पांच मिनट तक उसी मुद्रा में नजर आए, जिससे लोगों को लगा कि वे प्रार्थना कर रहे हैं, पर जब परिवार वालों ने उन्हें हिलाने की कोशिश की तो पता चला कि उनके प्राण निकल चुके थे। महाकाल पुलिस के मुताबिक 60 वर्षीय सतीश पिता मूलचंद गुडगांव से अपने परिवार के साथ यहां आए थे। नंदी हॉल के बाहर दर्शन करने के दौरान उनकी जान निकल गई। महाकाल मंदिर समिति की एंबुलेंस से उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। रविवार को पीएम करवाकर उनका शव परिजनों को सौंप दिया गया।