लखनऊ (मानवी मीडिया)-दिल्ली हाईकोर्ट ने उद्धव ठाकरे को झटका देते हुए उनकी वो याचिका खारिज कर दी जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग के एक आदेश को चुनौती दी थी। शिवसेना में हुई तोड़फोड़ के उद्धव और शिंदे दोनों ही खेमों की ओर से शिवसेना पर अपना-अपना दावा किया गया था, जिसके चलते चुनाव आयोग ने दोनों धड़ों को अलग-अलग नाम और चुनाव चिह्न अलॉट कर दिया था। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में उपचुनाव और निकाय चुनावों को देखते हुए पार्टी के दोनों धड़ों को अस्थायी रूप से नया नाम और चुनाव चिन्ह जारी किया था।
उद्धव ठाकरे ने अपनी याचिका में कहा था कि वह 30 वर्षों से पार्टी को चला रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग के आदेश की वजह से वह अपने पिता के दिए हुए नाम और चुनाव निशान का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग के इस फैसले की वजह से पार्टी की राजनीतिक गतिविधियों पर विराम लग गया है। कोर्ट में पेश होने के बाद उद्धव के वकील ने कहा था कि मामला बनने तक चुनाव आयोग निशान फ्रीज नहीं कर सकता था। हालांकि, हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को चुनाव चिन्ह और पार्टी के नाम के आवंटन से संबंधित कार्यवाही पर जल्द फैसला करने को कहा। दरअसल, उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों गुटों ने शिवसेना के नाम और उसके चुनाव चिह्न पर दावा किया था।