बेंगलुरु (मानवी मीडिया): लिंगायत संत शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू के खिलाफ पुलिस ने जो चार्जशीट दायर की है उसके कुछ कथित पन्ने मीडिया के सामने आए हैं। सूत्रों के हवाले से सामने आई चार्जशीट संबंधी रिपोर्ट में हुए खुलासों ने सबको हैरान कर दिया है। रिपोर्ट में कथित दावा किया गया है कि साल 2013 से साल 2015 के बीच मुरुगा ने कई नाबालिग बच्चियों का यौन शोषण किया। एक बच्ची जोकि 13 साल की थी उसके साथ तो बार-बार बलात्कार हुआ। फिलहाल मुरुगा चित्रदुर्ग जेल में बंद है। उनपर POCSO लगा है। एक मीडिया रिपोर्ट में एक लड़की के हवाले से दावा किया गया कि साल 2012 में एक बीमारी के चलते उसकरी मां गुजर गईं। तब बच्ची सातवीं क्लास में पढ़ रही थी। उसके पिता उसे मुरुगा मठ के प्रियदर्शिनी हाई स्कूल में भर्ती करा दिया। बच्ची अक्का महादेवी हॉस्टल में रहती थी।’
694 पन्नों की चार्जशीट में पीड़िता कहती है, ‘रश्मि मुझे रात 9 बजे के बाद संत के कमरे से फल और पैसे लाने को कहती थी। डिनर के बाद जब सब सो जाते थे तब पीड़िता पीछे के दरवाजे से उनके कमरे में जाती थी। वह मुझे ड्राई फ्रूट्स और चॉकलेट देते। पूछते कि किसी ने आते देखा तो नहीं। फिर वह कपड़े उतारने को कहते। वह अपने कपड़े भी उतार देते थे। पीडी़िता ने खुलासा किया कि फिर बाबा उसे गोद में बिठाते और गंदे तरीके से प्राइवेट पार्ट्स छूते और फिर याैन संबंध बनाते।’ पीड़िता के मुताबिक, हॉस्टल का गेट बंद रहता था। सुबह 5 बजे से पहले उसे वापस भिजवा देता थ। उसे विजयम्मा नाम के सिक्योरिटी गार्ड से चाबियां लेनी पड़ती थी। चार्जशीट के मुताबिक, पीड़िता का दावा है कि उसे असंख्य बार बुलाया गया। पीड़िता के मुताबिक, श्रुति और अपूर्वा जब हॉस्टल में आईं तो वार्डन थीं। तब हमें किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। यह परेशानी 2013-2014 में शुरू हुई जब रश्मि ने हॉस्टल वार्डन के रूप में पदभार संभाला।