अदालत के आदेश पर गोमती नगर पुलिस पीड़ित मनोज कुमार शर्मा की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की।
प्राथमिकी में शर्मा ने कहा कि आरोपी आई.बी. सिंह ने खुद को मुख्यमंत्री का सलाहकार बताते हुए मुझसे मिला।
बाद में आईपी सिंह ने उसे एस.के. सिंह और तेज बहादुर राय को क्रमश: न्यायाधीश व खनन कंपनी का निदेशक बताते हुए परिचय कराया।
उन्होंने कहा, सिंह ने मुझे बताया कि राय के पास अवध शिल्पग्राम के पीछे एक जमीन है, जिस पर तीनों एक वाणिज्यिक परियोजना की योजना बना रहे हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें आवास विकास विभाग (एनओसी) को 79 लाख रुपये का भुगतान करने की आवश्यकता है। अगर वह उक्त राशि प्रदन कर दें तो वह मुझे प्रोजेक्ट में 40 प्रतिशत का भागीदार बना देगा। इस पर उसने उन्हें 79 लाख रुपये दिए।
जब अगले दो वर्षों तक कोई परियोजना शुरू नहीं हुई तो शर्मा ने पैसे वापस मांगे तो उन्होंने देने से इनकार कर दिया।
अतिरिक्त डीसीपी ईस्ट जोन सैयद अली अब्बास ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है।