जयंती अपने पिता रमेश चौहान के साथ। जयंती ने 24 साल की उम्र में बिसलेरी जॉइन की थी।
डील के तहत वर्तमान मैनेजमेंट दो साल तक जारी रहेगा। 82 साल के Bisleri चेयरमैन रमेश जे चौहान का हाल के दिनों में खराब स्वास्थ्य रहा है और उनका कहना है कि बिसलेरी को विस्तार के अगले स्तर पर ले जाने के लिए उनके पास उत्तराधिकारी नहीं है। चौहान ने कहा, बेटी जयंती कारोबार में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखती। इसलिए उन्होंने कंपनी बेचने के बारे में सोचा। बिसलेरी भारत की सबसे बड़ी पैकेज्ड वाटर कंपनी है। टाटा के हाथों में बिसेलरी की जिम्मेदारी सौंपने का फैसला करते हुए रमेश जे चौहान ने कहा कि कंपनी को बेचने का फैसला बहुत की कष्टकारी है, लेकिन मैं जानता हूं कि Tata उनकी कंपनी का अच्छे से ख्याल रखेगी। मुझे टाटा का वर्क कल्चर पसंद है। मैं जानता हूं कि टाटा इस कंपनी का अच्छे से ख्याल रखेगी।