नई दिल्ली(मानवी मीडिया)- नोटबंदी के 6 साल बीत जाने के बाद आज भी लोगों के पास पुरानी करंसी यानि 500-1000 के नोट पड़े हुए है। वहीं इस मामले को लेकर कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में आवाज उठाई है। दरअसल, नोटबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं।
क्या कह रहे याचिकाकर्ता
सुप्रीम कोर्ट नोटबंदी को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इनमें कहा गया है कि उनके पास पुराने नोट पड़े हैं। एक याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके पास एक करोड़ रुपये से ज्यादा के पुराने नोट रखे हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि आप इन्हें संभाल कर रखिए। एक याचिकाकर्ता ने कहा कि वे नोटबंदी के समय विदेश में थे। नोट बदलवाने की तारीख मार्च से पहले बंद हो चुकी थी। जबकि कहा गया था कि विंडो मार्च के आखिर तक खुली रहेगी। इसी तरह एक याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके जब्त किये गए लाखों रुपये कोर्ट में जमा हैं, लेकिन नोटबंदी के बाद वे सब बेकार हो गए।
संभाल कर रखे नोट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नोटबंदी पर सुनवाई और तमाम दलीलों के बीच सुप्रीम कोर्ट की भी बेहद अहम टिप्पणी सामने आई है। बताया जाता है कि, सुप्रीम कोर्ट ने पुराने नोटों को संभालकर रखने की बात कही है और साथ ही कहा है कि इस पर विचार किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने 500 और 1000 के पुराने नोटों को फिर से बदल पाने के विचार के साथ एक विशेष व्यवस्था बनाने की बात कही है। मतलब, कुछ विशेष मामलों में एक व्यापक जांच के बाद नोटों को बदलने के सही आवेदनों पर अनुमति दी जा सकती है।
कुछ मामलों पर हो सकता है विचार
पांच जजों जस्टिस एस. अब्दुल नजीर, बी.आर. गवई, ए.एस. बोपन्ना, वी. रामासुब्रमण्यन और बी.वी. नागरत्ना की बेंच 500 और 1,000 रुपये के नोटों को विमुद्रीकृत करने के 8 नवंबर के फैसले की वैधता पर विचार कर रहे हैं। लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने कहा, ‘विमुद्रीकृत नोटों को बदलने की तारीखों का विस्तार नहीं किया जा सकता। लेकिन रिजर्व बैंक आवेदकों द्वारा आवश्यक शर्तों को पूरा करने और केंद्रीय बैंक की संतुष्टि वाले कुछ व्यक्तिगत मामलों पर विचार करेगा।’ वेंकटरमणि आरबीआई के पास आए 700 आवेदनों के बारे में बात कर रहे थे।