नार्को टेस्ट इसलिए जरूरी हो गया है, क्योंकि एक अधिकारी ने खुलासा किया, ‘पूछताछ के दौरान आफताब लगातार अपने बयान बदल रहा है। वह घबराहट का कोई संकेत दिखाए बिना आत्मविश्वास से सवालों का जवाब देता है।’
रिपोर्ट के मुताबिक फोरेंसिक साइंस लैब के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नार्को-एनालिसिस में समय लगता है और नार्को टेस्ट से पहले कई परीक्षण किए जाते हैं। प्री-नार्को परीक्षण व्यक्ति के चिकित्सा मापदंडों को निर्धारित करते हैं और इसमें मनोवैज्ञानिकों द्वारा किए गए विश्लेषण शामिल होते हैं। फोरेंसिक साइंस एक्सपर्ट के मुताबिक ‘यह व्यक्ति के शारीरिक रूप से फिट होने के बारे में नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी है। इसके बाद ही परीक्षण किया जा सकता है। यह एक जटिल परीक्षण है। परीक्षण करने वाली टीम पहले आफताब से बातचीत करेगी और फिर उसकी मानसिक स्थिति का पता लगाने के लिए अन्य परीक्षण करेगी।’