देवजीत के पिता महेंद्र सिंह ने कहा, मेरे बेटे ने दो महीने पहले ग्राम प्रधान द्वारा किए गए विकास कार्यों की गुणवत्ता के बारे में जानकारी मांगने के लिए एक आरटीआई दायर की थी। उसने गांव में निर्माण के लिए घटिया सामग्री का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए अधिकारियों के पास कई शिकायतें भी दर्ज कराई थी। उसी समय से हमें जान से मारने की धमकी मिल रही है। हमने देवेंद्र के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए पिछले महीने पुलिस से संपर्क किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मृतक के चाचा रामवीर सिंह ने कहा, ग्राम प्रधान और उसके रिश्तेदारों ने मेरे भतीजों पर लाठियों और धारदार हथियारों से हमला किया। मारपीट की बात सुनकर हम मौके पर पहुंचे। देवजीत के सिर पर गंभीर चोटें थीं और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उनके छोटे भाई सुरेंद्र की हालत गंभीर है।
स्थानीय लोगों के अनुसार देवजीत खेती में अपने पिता का सहयोग करने के अलावा गांव में एक कंप्यूटर सेंटर चलाता था। उनके परिवार में उनकी 28 वर्षीय पत्नी और दो नाबालिग बच्चे हैं।