लखनऊ से अमेरिका गए तो मकान पर हो गया कब्‍जा ; पुलिस NRI से मांग रही जिंदा होने का सबूत - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Friday, October 14, 2022

लखनऊ से अमेरिका गए तो मकान पर हो गया कब्‍जा ; पुलिस NRI से मांग रही जिंदा होने का सबूत


लखनऊ : (
मानवी मीडिया 67 साल के विनोद घिल्डियाल पेशे से पत्रकार हैं। पहले वह लखनऊ में हुआ करते थे, लेकिन बाद में अमेरिका में बस गए। लेकिन इन दिनों उन्हें लखनऊ में खुद के जिंदा होने का सबूत देने के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है। पहले उनका मकान गया, मकान हड़पने के लिए धोखाधड़ी करने वालों को सजा दिलाने के लिए जब उन्होंने लखनऊ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई तो उन्होंने यह सोचा भी नहीं था कि यह कार्रवाई उनके लिए और बड़ी मुसीबत लेकर आ रही है। दरअसल पुलिस ने उन्हें जांच में 'मृत' घोषित कर दिया। अब उन्हें जिंदा होने का सबूत देने के लिए लखनऊ में हर जतन करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी इस मुद्दे पर वह मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत भी दी, लेकिन लालफीता शाही से पार पाना इतना आसान नहीं होता।

मामला कुछ यूं है कि विनोद घिल्डियाल को एलडीए ने अक्टूबर 1984 में गोमतीनगर में आवास आवंटित किया। नौकरी के सिलसिले में विनोद को 1985 में अमेरिका जाना पड़ा, तब तक उस आवास की रजिस्ट्री नहीं हुई हो पाई थी। उन्होंने मकान को उनके परिवारीजन के जिम्मे कर दिया। विनोद 2003 में भारत आए और एलडीए से रजिस्ट्री के लिए संपर्क किया तो पता चला कि नाम उनका लेकिन फोटो किसी और का लगाकर उस मकान की रजिस्ट्री हो चुकी है। रजिस्ट्री में फर्जीवाड़े का पता चलने पर विनोद ने तत्कालीन एलडीए वीसी से मुलाकात की तो मामले की जांच हुई। जांच में एलडीए के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई। एलडीए ने विनोद और उनकी पत्नी के नाम संशोधित रजिस्ट्री कर दी।

इसके बाद फिर हुई धोखाधड़ी
विनोद फिर अमेरिका चले गए। 2019 में वे फिर से भारत आए और अपना मकान पाने की कोशिश में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। मुख्यमंत्री के आदेश पर जांच शुरू हुई तो पता चला कि इस बार उनका डमी तैयार कर फर्जी गिफ्ट डीड करवा ली गई है। फर्जी गिफ्ट डीड का पता चलने पर विनोद पुलिस ने एफआईआर दर्ज करवाई। इसके बाद फिर अमेरिका चले गए। विनोद का कहना है कि वर्ष 2022 में जब वे भारत आए और मामले की जानकारी ली तो पता चला कि पुलिस ने उन्हें मृत दिखा दिया। अब शिकायत करने जाने पर पुलिस उनके जिंदा होने का प्रमाण मांग रही है। विनोद ने अपने जिंदा होने के तौर पर पुलिस को अपना पासपोर्ट और अपनी यात्रा के प्रमाण सौंपे हैं।

Post Top Ad