पीठ ने कहा कि क्या यह अदालत का काम है? आप ऐसी याचिकाएं दायर ही क्यों करते हैं कि हमें उस पर जुर्माना लगाना पड़े? कौन-से मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ? चूंकि आप अदालत आए हैं तो क्या हम नकारात्मक नतीजे की परवाह किए बिना यह करें? याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील ने न्यायालय में कहा कि गौ संरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। पीठ ने वकील को आगाह किया कि वह जुर्माना लगाएगी, जिसके बाद उन्होंने याचिका वापस ले ली और मामले को खारिज कर दिया गया। शीर्ष न्यायालय गैर-सरकारी संगठन गोवंश सेवा सदन तथा अन्य की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें केंद्र को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
नई दिल्ली(मानवी मीडिया)- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई से सोमवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका ने याचिकाकर्ता से पूछा कि इससे कौन-सा मौलिक अधिकार प्रभावित हो रहा है।