अपनी श्रद्धांजलि में बिरला ने कहा:
" समाजवादी नेता, समाजवाद के स्तंभ, जनता के नेता मुलायम सिंह यादव हमारे बीच में नहीं रहे । मुलायम सिंह यादव जी ने समाज से वंचित, गरीब, अभावग्रस्त लोगों की मदद की, उनकी आवाज बने, उनका नेतृत्व किया। एक समाजवादी विचारधारा को जयप्रकाश नारायणजी की विचारधारा, लोहिया जी की विचारधारा को लेकर वो आगे बढ़े। उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में समाजवाद की मुखर आवाज बने। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में, देश के रक्षा मंत्री के रूप में, विभिन्न पदों पर रहते हुए देश और राष्ट्र के सेवा की उनकी सेवा हम सबको स्मरण रहेगी ।
जो विचार उन्होंने व्यक्त किए थे जो देश के अंदर समाजवाद को लेकर चले थे मुझे आशा है उनके अनुयायी, शुभचिंतक विचारधारा को लेकर चलेंगे।
उनके अंदर लोकतंत्र के प्रति गहरी आस्था, विश्वास था, 17वी लोक सभा में मैं देखता था की उनकी तबियत भी ठीक नही थी, आयु भी ज्यादा हो गई थी लेकिन उसके बाद भी रोजाना संसद आना, संसद में देर तक बैठना संसद की कार्रवाई में हिस्सा लेना, उनके लोकतांत्रिक संस्थाओं पर अटूट विश्वास का उदहारण था। उनका मानना था कि देश के अंदर सामाजिक आर्थिक विकास लोकतांत्रिक संस्थाओं के माध्यम से संभव है इसीलिए लोकतंत्र के प्रति उनके अंदर गहरी आस्था थी।
मैं इस निधन पर दुख व्यक्त करता हूं, संवेदना व्यक्त करता हूं भगवान उनको अपने चरणों में स्थान दे । मुझे आशा है जो आवाज समाजवाद की जो अलख उन्होंने जलाई थी उनके अनुयाई, उनके प्रशंसक उसे आगे लेकर चलेंगे। ओम शांति।"
बिरला कोटा की अपनी निर्धारित यात्रा पूरी होने से पहले दिल्ली लौट रहे हैं। वह कल सैफई में श्री मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।