लखनऊ (मानवी मीडिया)कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आज लोक भवन स्थित मीडिया सेंटर में प्रदेश के किसानों के हित में कैबिनेट द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रतिकूल मौसम से प्रभावित किसानों के हित में सरकार द्वारा चने तथा मसूर के बीजों के 2.5 लाख मिनीकिट किसानों को निःशुल्क वितरित किए जाएंगे। इसमें मसूर का प्रत्येक किट 8 किलो का जबकि चने का प्रत्येक किट 16 किलो का होगा। इस प्रकार कुल 12 हजार कुंतल मसूर बीज तथा 16 हजार कुंतल चने के बीजों का निरूशुल्क वितरण करने का लक्ष्य है। इसके साथ ही 28 हजार कुंतल अन्य दलहन के बीजों का भी निःशुल्क वितरण किया जाएगा। इस पर कुल 32 करोड़ 64 लाख रुपयों की लागत आएगी। इसके अंतर्गत प्रदेश की उस 02 लाख हेक्टेयर भूमि को प्राथमिकता में रखा गया है जिसमें किसानों द्वारा खरीफ फसल का आच्छादन नहीं किया जा सका। साथ ही ऐसे किसानों की भूमि जो अल्पवर्षण, अतिवर्षण तथा बाढ़ से प्रभावित रहे हैं।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक खेती बोर्ड के गठन को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस बोर्ड के अध्यक्ष माननीय मुख्यमंत्री, उपाध्यक्ष कृषि मंत्री तथा वित्त, कृषि विपणन, उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन एवं दुग्ध विकास, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास, सहकारिता, सूक्ष्म एवं लघु उद्योग विभाग के मंत्री इसके सदस्य होंगे। इसके साथ ही इन सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव भी इसके सदस्य होंगे। इसके अतिरिक्त राज्य में प्राकृतिक खेती करने वाले 2 किसानों को मुख्यमंत्री सदस्य के रूप में इस बोर्ड में नामित कर सकेंगे। माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वर्ष में दो बार बोर्ड की बैठक आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक गवर्निंग बॉडी भी बनाई जाएगी। कृषि उत्पादन आयुक्त तथा संबंधित सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव भी इसके सदस्य होंगे। इस गवर्निंग बॉडी में राज्य में प्राकृतिक खेती करने वाले 2 किसानों को कृषि मंत्री सदस्य के रूप में इस बोर्ड में नामित कर सकेंगे।
शाही ने बताया कि प्राकृतिक खेती बोर्ड के कार्यों को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने के लिए उक्त 2 बोर्डों के अतिरिक्त जिला स्तर पर जिला राज्य स्तरीय प्राकृतिक खेती बोर्ड का गठन किया जाएगा। इसके अध्यक्ष जिलाधिकारी तथा सचिव कृषि उपनिदेशक होंगे। संबंधित अन्य विभागों के अधिकारी भी इसके सदस्य होंगे।
कृषि मंत्री श्री शाही ने बताया कि खरीफ सीजन में धान की खरीद की दृष्टि से खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में सहकारिता विभाग के नियंत्रणाधीन उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव फेडरेशन तथा उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड को राष्ट्रीकृत बैंकों से अल्पकालिक ऋण लेने पर साख की गारंटी दी जाएगी। जिसके अंतर्गत पीसीएफ को 4 हजार करोड़ रुपए तथा पीसीयू को 800 करोड़ रुपए की साख गारंटी दी जाएगी। उसमें यह शर्त अधिरोपित की गई है कि उनके द्वारा इस साख का प्रयोग केवल धान खरीद के लिए किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 में कॉमन श्रेणी के धान के लिए रू0 2022 प्रति कुंतल तथा ग्रेड ए के लिए रू0 2060 प्रति कुंतल एमएसपी निर्धारित किया गया है। धान खरीद का यह कार्य 4 हजार क्रय केंद्रों के माध्यम से दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में 1 अक्टूबर 2022 से 31 जनवरी 2023 तक लखनऊ संभाग के 3 जिलों हरदोई, लखीमपुर, सीतापुर में तथा बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी मंडलों में किया जाएगा। दूसरे चरण में 1 नवंबर 2022 से 28 फरवरी 2023 तक लखनऊ मंडल के तीन जिलों लखनऊ, रायबरेली तथा उन्नाव में किया जाएगा। इसी चरण में चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर तथा प्रयागराज मंडलों में भी धान क्रय का कार्य किया जाएगा। धान क्रय का कार्य रविवार तथा राजपत्रित अवकाश के अतिरिक्त सभी कार्य-दिवसों में प्रातः 9 बजे से सायं 5 बजे तक किया जाएगा। ऐसे एफपीओ जो 1 मार्च 2021 से पूर्व पंजीकृत हैं तथा उनके कार्यशील पूंजी 50 लाख है, वे भी शर्तों के अधीन धान खरीद कर सकते हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस बात के लिए दृढ़ता के साथ व्यवस्था कर रही है कि जो अनाज खरीदा जा रहा है उसका भंडारण ठीक प्रकार से हो सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानकों का अनुपालन किया जाएगा।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 के परिप्रेक्ष्य में कैबिनेट द्वारा मक्का तथा बाजरे को भी एमएसपी पर खरीदने का निर्णय लिया गया है। मक्का के लिए 1962 रुपए प्रति कुंतल तथा बाजरे के लिए 2350 रुपए प्रति कुंतल एमएसपी निर्धारित किया गया है। मक्का के लिए एक लाख मीट्रिक टन तथा बाजरे के लिए 50 हजार मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य रखा गया है। मक्का के लिए 100 तथा बाजरे के लिए 25 खरीद केंद्र प्रदेश के विभिन्न उत्पादन क्षेत्रों में बनाए जाएंगे।