ग्रामीणों की खुशी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि घर-घर से शुरू हुआ दीयों के रोशन होने का यह सिलसिला पंचायत भवनों, प्राथमिक स्कूलों, सामुदयिक भवनों तक दिखा। ग्रामीणों की इस खुशी को यादगार बनाने में नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों समेत गांव-गांव कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्थाएं और प्रशासनिक अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
बुंदेलखंड और विंध्य के तमाम गांव में लोक संगीत की धुन पर ग्रामीण महिलाएं और युवा दीये जलाने के साथ थिरके भी। गांव में मिठाईयां बंटीं और एक-दूसरे को बधाई भी दी गई। प्रदेश के कई गांव में स्वयंसेवी संस्थाओं ने पंचायत प्रतिनिधियों को हर घर जल के प्रतीक रूप में जल से भरा नल वाला घड़ा भेंट किया। यह पहला मौका था जब दीपावली से पहले प्रदेश के गांव-गांव में जल जीवन मिशन के तहत ‘जल दीपावली’ मनाई गई। पीने का शुद्ध पानी घरों तक मिलने की खुशी लोगों के चेहरों पर दिखाई दी। प्रदेश के हर उस गांव में दीवाली मनाई गई जहां नल से जल की सुविधा मिली है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, युवाओं में पानी मिलने की आस पूरी होने का उल्लास देखते ही बना। तो कुछ गांव में महिलाएं भावुक भी दिखीं। इस मौके पर उन्होंने नल कनेक्शन के पास रंगोली सजाई, किसी ने नल के टैप को फूल की माला पहनाई और किसी ने तिलक लगाया, तो कई घरों में नल टैप की आरती भी उतारी गई। कुंओं और तालाबों से पीने का पानी भरने का दर्द जिन परिवारों की कई पीढ़ियों ने झेला है ऐसे बुजुर्गों की आंखें छलक आईं। लोगों ने इस अवसर पर पानी को बर्बाद नहीं करने का संकल्प भी लिया।
जलशक्ति मंत्री ने सीतापुर से हर घर जल दीपोत्सव का शुभारंभ किया*जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सीतापुर में दीपोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए और पहला दीप प्रज्जवलित कर प्रदेश भर में हर घर जल दीपोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रदेश भर के सभी जिलों में आयोजित किये गये दीपोत्सव कार्यक्रम में राज्य सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक, ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान समेत जन प्रतिनिधि शामिल हुए। शासन और विभाग के अधिकारी भी आयोजन में शामिल हुए।