अयोध्या (मानवी मीडिया) अयोध्या जिले के थाना क्षेत्र के कल्याण भदरसा मजरे मोर्या का पुरवा में नवनिर्मित योगी मंदिर की भूमि की स्थलीय पैमाइश बुधवार को सोहावल तहसील प्रशासन की राजस्व टीम द्वारा की गई। तीन लेखपालों की संयुक्त टीम द्वारा की गई पैमाइश में योगी मंदिर की भूमि नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के खाते की निकली, जो कि कल्याण भदरसा के गाटा संख्या 32 और 36 की है। इसका रकबा करीब 40 बीघा से अधिक है। पैमाइश के दौरान नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के संपत्ति अधिकारी सहित दर्जनों ग्रामीण व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
कल्याण भदरसा में नवनिर्मित योगी मंदिर का विवाद शुरू होने के बाद बुधवार को तहसील सोहावल की राजस्व टीम योगी मंदिर के स्थल पर पहुंची और राजस्व निरीक्षक के साथ तीन लेखपालों ने पैमाइश कार्य शुरू कराया। करीब तीन घंटे तक हुई पैमाइश में उक्त मंदिर समेत करीब चालीस बीघा से अधिक भूमि आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज की भूमि निकली। वहीं, योगी मंदिर के सामने निर्मित शनि देव का मंदिर व आसपास की जमीन वृक्षारोपण के नाम पर दर्ज हैं, जो योगी प्रचारक प्रभाकर मौर्या व उनके पटृटीदार के कब्जे में है।
पैमाईश के दौरान यह भी पता चला है कि बीते कई सालों से कृषि विश्वविद्यालय के कब्जे में रही 73 एयर भूमि जिस पर आम के पेड़ आदि लगे हुए हैं, वह भूमि योगी प्रचारक प्रभाकर मौर्य और उनके पट्टीदार के खाते में है। पैमाईश टीम का नेतृत्व कर रहे राजस्व निरीक्षक दयाराम वर्मा का कहना है कि बुधवार को लेखपाल दिनेश चौरसिया, सूर्यभान पाठक और मनीषा पाठक द्वारा की गई पैमाईश में पता चला कि योगी मंदिर गाटा संख्या 32 और 36 में बना है, जिसका क्षेत्रफल 4.082 हेक्टेयर, यानी करीब 40 बीघा से अधिक है। बगल में गाटा संख्या 37 में स्थापित शनि देव मंदिर का रकबा 34 एयर है ,वह जमीन वृक्षारोपण के खाते में दर्ज है, जो प्रभाकर मौर्य और उनके पट्टीदार के कब्जे में प्रतीत होती है। बगल की 73 एअर भूमि जिस पर कृषि विश्वविद्यालय का कब्जा बताया गया, आम के पेड़ आदि मौजूद हैं, वह भूमि प्रभाकर मौर्य सहित पटृटीदार की प्रतीत होती है।
राजस्व निरीक्षक ने बताया कि पैमाइश की रिपोर्ट उप जिलाधिकारी सोहावल को सौंपी जाएगी। जो भी आदेश होगा, उसी के अनुसार कार्रवाई की जायेगी। मौके पर मौजूद कृषि विश्वविद्यालय के संपत्ति अधिकारी सीताराम मिश्रा ने बताया कि सोहावल तहसील प्रशासन जब स्थलीय पैमाईश की रिपोर्ट कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपेगा। तत्पश्चात पैमाइश रिपोर्ट के अध्ययन के उपरांत ही कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन अगली कार्रवाई का निर्णय लेगा।