लखनऊ (मानवी मीडिया): गोमती नदी में कूदने वाले लखनऊ के 30 वर्षीय वकील का अब तक कोई पता नहीं चला है। राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) की टीमों ने गुरुवार देर शाम तक शव की तलाशी ली, लेकिन वह नहीं मिला।
व्यक्ति की पहचान विभूति खंड निवासी नासिर मंसूर और उच्च न्यायालय में वकालत करने वाले अधिवक्ता के रूप में हुई। उसके परिवार को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उसने ऐसा कदम क्यों उठाया क्योंकि उसे अगले महीने शादी करनी थी।
स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) गोमती नगर, दिनेश चंद्र मिश्रा ने कहा कि पुलिस को सूचना मिली कि एक व्यक्ति रिवरफ्रंट के पास पुल से नदी में कूद गया और सैकड़ों यात्री मौके पर जमा हो गए, जिससे भारी ट्रैफिक जाम हो गया।
जब हम मौके पर पहुंचे, तो प्रत्यक्षदर्शियों ने हमें सूचित किया कि सफेद शर्ट और काली पतलून में एक व्यक्ति ने अपना वाहन पुल के किनारे खड़ा कर दिया और नदी में कूद गया। बाइक के पंजीकरण नंबर से, हमने उस व्यक्ति के पते का पता लगाया और उसके परिवार को सूचित किया। साथ ही एसडीआरएफ की टीमों ने तलाशी अभियान शुरू किया।
मिश्रा ने कहा कि पुलिस ने उन गवाहों को मंसूर की तस्वीर दिखाई, जिन्होंने कहा कि उनकी उपस्थिति नदी में कूदने वाले से मेल खाती है।
तब से मंसूर का मोबाइल फोन बंद है और उसके परिवार ने बताया कि उसे तैरना नहीं आता।
इस बीच, वकील के एक मित्र ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि मंसूर बहुत परेशान था क्योंकि उसका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो गया था और उसकी पोस्ट को सार्वजनिक किया जा रहा था।