नई दिल्ली(मानवी मीडिया)- कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर बैन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जजों की राय बंटी हुई है। अब इस केस की सुनवाई बड़ी बेंच की ओर से की जाएगी, लेकिन इस बीच असदुद्दीन ओवैसी ने हिजाब का विरोध करने वालों पर तीखी टिप्पणी की है। ओवैसी ने कहा, ‘मैं जब कहता हूं कि मेरा सपना है कि एक दिन इस देश की पीएम हिजाब पहनने वाली बने तो बहुत से लोगों के सिर और पेट में दर्द होता है। मुझे ऐसा क्यों नहीं कहना चाहिए? यह मेरा सपना है। इसमें गलत क्या है। लेकिन आप कहते हैं कि किसी को हिजाब नहीं पहनना चाहिए। फिर क्या पहनना चाहिए? बिकिनी?
आपके पास इसे भी पहनने का अधिकार है। लेकिन आप यह क्यों चाहते हैं कि मेरी बेटियां हिजाब न पहनें और मैं दाढ़ी कटवा दूं।’ ओवैसी ने कहा कि यदि कोई मुस्लिम युवती हिजाब पहनती है तो इसका यह मतलब नहीं है कि उसकी बौद्धिकता में कोई कमी है। क्या हम छोटी बच्चियों पर हिजाब पहनने का दबाव बनाते हैं, क्या हम सच में लड़कियों से जबरदस्ती कर रहे हैं? ओवैसी ने कहा कि यदि आप हैदराबाद आते हैं तो देखेंगे कि यहां सबसे बदनाम ड्राइवर हमारी बहनें ही हैं। कभी भी उनके पीछे कोई गाड़ी ले जाने का रिस्क नहीं ले सकता। यह मेरा निजी अनुभव है। मैंने अपने ड्राइवर से कहा है कि वह संभलकर चले। आप किसी लड़की की बाइक पर पीछे बैठ जाएं और फिर देखें कि उन पर कोई दबाव डाला जाता है या नहीं।ओवैसी ने कहा कि हम पर आरोप लगाया जा रहा है कि लड़कियों पर हम दबाव डाल रहे हैं। आखिर आज के दौर में कौन किससे डरता है? हिजाब की तुलना उन्होंने एक बार फिर से हिंदू, सिख और ईसाइयों के प्रतीकों से की। उन्होंने कहा कि जब हिंदू, सिख और ईसाई छात्रों को उनके प्रतीकों के साथ घुसने दिया जाता है तो फिर मुस्लिमों को क्यों रोका जाता है। ऐसा होगा तो वे लोग मुस्लिमों के बारे में क्या सोचेंगे। उन्हें तो यही संदेश जाएगा कि मुस्लिम हमसे नीचे होते हैं। इस पर भाजपा नेता सीटी रवि ने कहा कि ओवैसी अतिवाद का समर्थन करते हैं, जो भारत में नहीं चलेगा।