लखनऊः (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने आज यहाँ राजभवन स्थित प्रज्ञाकक्ष में प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैय्या) विश्वविद्यालय, प्रयागराज के नैक हेतु प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। विश्वविद्यालय के कुलपति ने राज्यपाल जी को अवगत कराया कि वर्ष 2016 में स्थापित इस विश्वविद्यालय ने वर्ष 2021 में अपने 5 वर्ष पूर्ण करके नैक ग्रेडिंग हेतु अर्हता प्राप्त कर ली है, जिसके क्रम में विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2023 में अपना मूल्यांकन हेतु सेल्फ स्टडी रिपोर्ट दाखिल करने की तैयारी की गई है। राज्यपाल जी ने बैठक में विश्वविद्यालय द्वारा नैक तैयारी के लिए गठित कमेटी के सदस्यों से बिंदुवार तैयारी की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि नैक के मानकों का गहनता से अवलोकन कर प्रत्येक बिंदु पर प्रस्तुतिकरण को सुदृढ़ करें। प्रस्तुतिकरण को सशक्त बनाने पर जोर देते हुए उन्होंने इसमें विश्वविद्यालय को सभी व्यवस्थाओं और शैक्षणिक सुविधाओं के विस्तृत विवरण सम्बद्ध करने को कहा। उन्होंने कहा मूल्यांकन हेतु पियर टीम के अवलोकन के समय प्रस्तुतिकरण में किसी भी कमेटी सदस्य को भ्रम की स्थिति न हो। जिस बिंदु पर प्रस्तुतिकरण दिया जा रहा हो उसके सभी विवरण, गतिविधि के प्रमाण-पत्र, फोटो ग्राफ हाइपर लिंक से सम्बद्ध रखें जाएं। उन्होंने प्रस्तुतिकरण में विविधिता और गतिविधि दर्शाने वाले फोटोग्राफ एवं वीडियो प्रस्तुतियां भी हाइपर लिंक में सम्बद्ध करने के निर्देश दिए।
राज्यपाल ने प्रस्तुतिकरण में व्यापक सुधार किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने नैक तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्च श्रेणी प्राप्त विश्वविद्यालयों के अनुसरण पर विश्वविद्यालय में सुधार लागू कराने और मूल्यांकन प्रस्तुतिकरण को सशक्त बनाने का सुझाव दिया। विश्वविद्यालय के परिवर्तित सिलेबस, शिक्षण व्यवस्था की विविधिता, अतिरिक्त कक्षाओं का आयोजन, विद्यार्थी क्षमताओं का सम्बर्द्धन जैसे विषयों को राज्यपाल जी ने विशेषता से दर्शाने का सुझाव देते हुए कहा कि विशेषता वाले सभी विविध बिंदुओं पर विस्तृत और सुदृढ़ भाषा में विवरण संलग्न किए जाएं।
राज्यपाल ने प्रस्तुतिकरण में विश्वविद्यालय की स्थापना की अल्पावधि का विशेष उल्लेख करने और निरंतर विकसित क्रम में वर्षवार प्रत्येक वर्ष का विवरण डेटा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रस्तुतिकरण के क्राइटेरिया अनुसार समग्र अवलोकन में क्राइटेरिया तीन को व्यापक किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षणेत्तर शोध गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए। ऐसी लैब भी स्थापित की जाएं जो किसानों और आम जनता के लिए हितकारी हों तथा विद्यार्थियों की अतिरिक्त क्षमता विस्तार में सहायक हों।
इसी क्रम में उन्होंने विश्वविद्यालय में बुक बैंक सुविधा बढ़ाने, विद्यार्थियों की शिकायत निवारण व्यवस्था में समयावधि का उल्लेख करने का निर्देश भी दिया। सोशल गतिविधियों का दायरा बढ़ाने का निर्देश देते हुए उन्होंने ग्रामीण स्तर पर विभिन्न पारम्परिक प्रतियोगिताएं जैसे मेंहदी लगाना, परिधान फैशन प्रतियोगिता, गृह सज्जा, आंतरिक सज्जा का आयोजन कराकर उनमें इस क्षेत्र के प्रति व्यावसायिक दृष्टिकोण उत्पन्न करना, आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को संस्कारशील करने के लिए विद्यार्थियों द्वारा पुराने कपड़ों के रूमाल वितरित कराकर स्वच्छता की आदत विकसित कराना जैसे सुझाव दिए।
राज्यपाल ने टीम के सभी सदस्यों को बैठक में प्राप्त सुझावों के साथ प्र्रस्तुतिकरण को सुदृढ़ करने, पुनरावलोकन करके समग्रता से सशक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया और बेहतर तैयारी के उपरान्त नैक के उच्चतम ग्रेड प्राप्त की सामर्थ्य से युक्त एस0एस0आर0 दाखिल करने को कहा।
बैठक में प्रमुख सचिव राज्यपाल श्रीमती कल्पना अवस्थी, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा श्री पंकज जॉनी, विश्वविद्यालय द्वारा नैक तैयारी हेतु गठित टीम के सभी सदस्य तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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