भारतीय रोड कांग्रेस परिषद के चुने गए नये पदाधिकारियों और काउंसिल सदस्यों की पहली बैठक इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मंगलवार को हुई। काउंसिल सदस्यों ने हाइवे पर होने वाले हादसों पर चिंता जताई। साथ ही इन्हें रोकने के कुछ प्रभावी उपाय भी बताए। रात के अंधेरे में मवेशियों के कारण होने वाले वाहन हादसों को रोकने के लिए गाय-भैसों के कानों को पेंट करने का सुझाव आया। ताकि भारी वाहन चालकों को दिक्कत न हो। कहा गया कि ओवरलोडेड ट्रकों और बेतहाशा सवारियों को ढोने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली के संचालन पर स्थानीय पुलिस और परिवहन प्रशासन को भी अंकुश लगाना होगा। वहीं, सड़क निर्माण की इंजीनियरिंग खामी लोक निर्माण विभाग दूर करेगा।
बैठक में नए सदस्यों ने सड़क सुरक्षा और आईआरसी कोड की बारीकियों को आईआईटी व एनआईटी जैसे उच्च तकनीकी संस्थानों के कोर्स में शामिल किए जाने को वक्त की जरूरत बताया। एमटेक और पीएचडी रिसर्च कर रहे छात्रों को लाइव हाइवे प्रोजेक्ट से जोड़ने का सुझाव भी आया। ताकि छात्र फील्ड एक्टिविटी के माध्यम से हाइवे निर्माण की तकनीकी दक्षता सीखकर निजी क्षेत्र में भी नौकरी हासिल कर सके। मीटिंग में काउंसिल सदस्यों को सुझावों और चिंताओं को लिखित रूप से भेजने का आग्रह किया गया। आईआरसी काउंसिल की मध्यावधि बैठक में इन बिन्दुओं पर मंथन किया जाएगा।
आईआरसी के चौथे और अंतिम दिन हुई बैठक में नई काउंसिल का गठन हुआ। इनमें नवनिवार्चित पदाधिकारियों और नए सदस्य शामिल हुए।मौके पर रोड कांग्रेस के सफल आयोजन के लिए उप्र लोक निर्माण विभाग की सराहना की गई।
आईआरसी काउंसिल में आज अध्यक्ष पद पर एसबी बासवा और उप्र लोनिवि के इंजीनियर इन चीफ अरविंद कुमार जैन, आरके मेहरा, मनोरंजन पारीदा और प्रणव कपूर को उपाध्यक्ष चुना गया। एसके निर्मल डीजी (आरडी) दोबारा आईआरसी के महासचिव चुने गए। बैठक में परिषद के पूर्व अध्यक्ष सीपी जोशी समेत वर्तमान काउंसिल सदस्य मौजूद रहे।