पौड़ी निवासी आशुतोष नेगी की ओर से दायर याचिक पर वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की पीठ ने सुनवाई की। याचिककाकर्ता की ओर से कहा गया कि आरोपी बेहद ताकतवर हैं। सरकार इस मामले में शुरू से लीपापोती में लगी है। आरोपियों को बचाने के लिये साक्ष्यों को नष्ट किया जा रहा है। सीन ऑफ क्राइम को नष्ट कर दिया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से पोस्टमार्टम पर भी सवाल उठाये गये है और कहा गया कि पोस्टमार्टम में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों की अनदेखी की गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि यह जघन्य से जघन्यतम अपराध है और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की बजाय इस मामले की जांच सीबीआई से करायी जानी चाहिए। याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले में गृह सचिव तथा पौड़ी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पक्षकार बनाया गया है। न्यायालय ने फिलहाल सरकार से तीन नवम्बर तक जांच की प्रगति रिपोर्ट और केस डायरी तलब की है। अब इस प्रकरण में तीन नवम्बर को सुनवाई होगी।
नैनीताल(मानवी मीडिया)- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अंकिता हत्याकांड की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच करवाने की मांग को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए गुरुवार को राज्य सरकार से तीन नवम्बर तक प्रकरण की प्रगति रिपोर्ट दायर करने का आदेश दिया।