पुलिस ने बताया कि संदेह है कि आग दिवाली के उत्सव के दौरान जलाए गए पटाखों या दीयों से लगी। उन्होंने दावा किया कि अग्निशमन विभाग ने तत्काल कार्रवाई की, लेकिन दुकान बांस और लकड़ी के बने हुए थे और उनमें सूखा सामान भरा था, इसलिए आग तेजी से फैली। घबराए दुकानदारों ने आग से जो बच सकता था उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन गैर सिलेंडरों में धमाकों से आग ने विकराल रूप ले लिया।
पुलिस ने बताया कि आग को काबू करने के लिए आग बुझाने वाले 3 वाहनों को लगाया गया, जिनमें से एक ईटानगर से मंगाया गया था और घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। उन्होंने कहा कि आग से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। आशंका है कि करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। पुलिस अधीक्षक (राजधानी) जिम्मी चिराम ने कहा कि आग लगने के कारण का पता अग्निशमन विभाग की जांच के बाद ही लगेगा।
दुकानदारों ने आरोप लगाया कि जब आग लगने की जानकारी मिली तो वे नजदीक ही मौजूद अग्निशमन केंद्र पहुंचे, लेकिन वहां पर कोई कर्मी मौजूद नहीं था। उन्होंने दावा किया कि जब अग्निशमन कर्मी आए तो आग बुझाने वाले वाहन में पानी नहीं था। दुकानदारों ने आरोप लगाया कि दमकल वाहन में पानी भरने के लिए कर्मियों को दूर जाना पड़ा और वे सुबह पांच बजे ही लौट सके, तब तक आग से बाजार का अधिकतर हिस्सा जलकर खाक हो चुका था।