इस्लामाबाद (मानवी मीडिया) विनाशकारी बाढ़ से उबरने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान ने मलेरिया से बचने के लिए भारत का रुख किया है। पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को भारत से 6 मिलियन से अधिक मच्छरदानी खरीदने को मंजूरी दे दी। अभूतपूर्व बाढ़ के कारण मलेरिया और अन्य वेक्टर जनित बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए पाकिस्तान कड़े प्रयास कर रहा है लेकिन उसके पास पैसों की भारी किल्लत है।
Geo.tv के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पाकिस्तान के लिए मच्छरदानी हासिल करने के वास्ते ग्लोबल फंड द्वारा उपलब्ध कराए गए वित्तीय संसाधनों का इस्तेमाल कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने कहा कि वे जल्द से जल्द मच्छरदानी प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ये अगले महीने तक वाघा बॉर्डर मार्ग से प्राप्त हो जाएंगी। जून के मध्य से अभूतपूर्व बारिश के कारण पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ में 1,700 से अधिक लोग मारे गए हैं। 3.3 करोड़ लोग विस्थापित हुए हैं और देश का एक तिहाई हिस्सा पानी में डूब गया।
सितंबर में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी थी कि मलेरिया जैसी बीमारियों में वृद्धि "दूसरी आपदा" का कारण बन सकती है। पिछले हफ्ते, डब्ल्यूएचओ ने जनवरी 2023 तक बाढ़ प्रभावित पाकिस्तान के 32 जिलों में 27 लाख मलेरिया के मामलों की चेतावनी दी थी। संगठन ने कहा, "मलेरिया देश के 32 बाढ़ प्रभावित जिलों में तेजी से फैल रहा है जहां हजारों बच्चे मच्छर जनित रोग से संक्रमित हैं।” रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने भारत से मच्छरदानी खरीदने की अनुमति मांगी थी।
अधिकारी ने कहा कि उन्होंने सिंध, पंजाब और बलूचिस्तान के 26 सबसे अधिक प्रभावित जिलों के लिए मच्छरदानी की व्यवस्था के लिए ग्लोबल फंड से अनुरोध किया था। इन इलाकों में प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम के मामले सामने आए थे। जवाब में, ग्लोबल फंड ने भारत से इन मच्छरदानी को खरीदने की पेशकश की। हालांकि फंड ने कहा कि अगर पाकिस्तान सरकार इसकी मंजूरी देती है तो ही सौदा किया जाएगा। भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध कश्मीर और पाकिस्तान से निकलने वाले सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं।