भदोही की ज्ञानपुर सीट से विधायक रहे बाहुबली विजय मिश्रा के खिलाफ 70 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। साल 2009 में बसपा सरकार में उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज किया था। उसके बाद समाजवादी पार्टी आने के बाद केस की सुनवाई लंबित हो गई। उसके बाद साल 2020 में जेल जाने के बाद उनके नए और पुराने मामले में सुनवाई तेज हुई है। करीब 13 साल तक चली सुनवाई के बाद एसीजेएम साधना गिरी की अदालत ने विजय मिश्रा को तीन साल कारावास की सजा सुनाई। वहीं इसको लेकर जिला शासकीय अधिवक्ता दिनेश पांडेय और सहायक जिला अभियोजन अधिकारी मुकेश कुमार का कहना है कि आर्म्स एक्ट के मुकदमें में कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है।
वहीं दो साल पहले 2020 में उनके ही रिश्तेदार की तरफ से जमीन कब्जे का मुकदमा दर्ज होने के बाद पूरे परिवार पर शिकंजा कसा गया। उसके बाद पूर्व विधायक विजय मिश्रा को मध्य प्रदेश से पकड़ा गया। उनके जेल जाने के बाद पूरे परिवार के खिलाफ एक-एक कर कई मुकदमे दर्ज होने लगे। पुराने मामलों में भी अभियोजन की तरफ से कार्यवाही तेज की गई।
बता दें कि विधायक विजय मिश्रा तीन बार समाजवादी पार्टी और चौथी बार निषाद पार्टी से विधायक चुने गए। ज्ञानपुर विधानसभा में एक ऐसी सीट थी जिस पर आजादी के बाद कोई दोबारा विधायक नहीं हुआ पर विजय मिश्र इस सीट से चार बार विधायक हुए जिसे लेकर उन पर आरोप लगते रहे कि अपने बाहुबल से जीत दर्ज की। साल 2017 में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने टिकट काट दिया था तब विजय मिश्र पार्टी से बगावत कर निषाद पार्टी से चुनाव लड़े और जीते।
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