कीव मॉस्को (मानवी मीडिया) यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग में शह और मात का खेल लगातार जारी है। एक महीने पहले ही यूक्रेन की सेना ने रूस को खारकीव जैसे बड़े शहर से खदेड़ दिया था और इसे रूसी सेना की हार के तौर पर प्रचारित किया गया था। अब रूस की सेना एक बार फिर से आक्रामक हमले कर रही है और खारकीव पर कब्जे का दावा किया है। मंगलवार को रूस की सेना ने दावा किया कि उसने खारकीव पर कब्जा जमा लिया है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा, 'रूसी सेना की यूनिट्स ने आक्रामक अभियान के तहत खारकीव के गोरोबिवका पर कब्जा कर लिया है।' यह वही इलाका है, जहां से रूसी सेना को पीछे हटना पड़ा था।
इस बीच यूक्रेन की ओर से दावा किया गया है कि मंगलवार को रूस के मिसाइल अटैक में दो नागरिकों की मौत हुई है। रूस ने एक पावर स्टेशन को निशाना बनाते हुए मिसाइल दागी थी, जिसमें दो लोग मारे गए हैं। यूक्रेनी अथॉरिटीज का कहना है कि हमले के चलते विस्फोट, आग और बिजली गुल होने जैसी घटनाएं हुई हैं। मिसाइल दागे जाने के बाद पावर स्टेशन के पास गहरा काला धुंआ उठता देखा गया। इसके चलते कई इलाकों में बत्ती तक गुल हो गई थी, लेकिन बाद में सप्लाई बहाल कर दी गई। कीव के प्रशासन का कहना है कि हमले में दो लोग मारे गए हैं और एक बुरी तरह से जख्मी हुआ है।
जेलेंस्की बोले- हमारे 30 फीसदी बिजली घर तबाह
वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस के हमले पर कहा, 'यूक्रेन पर आक्रमणकारियों के अत्याचार जारी हैं। वह अपनी ओर से नागरिकों को डराने और मारने के भऱसक प्रयास कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि रूसी हवाई हमलों में यूक्रेन के 30 फीसदी पावर स्टेशनों को तबाह कर दिया गया है। 10 अक्टूबर के बाद से ही रूस आक्रामक है। स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार के हमलों में रूस की सेना ने खारकीव में बिजली सप्लाई करने वाले प्रतिष्ठानों को ही निशाना बनाया। उत्तरी शहर झितोमिर में बिजली और पानी की सप्लाई प्रभावित हुई है।
सुसाइड ड्रोन्स से भी यूक्रेन को बड़ा दर्द दे रहा रूस
रूस ने ड्रोन्स के जरिए भी यूक्रेन की राजधानी कीव और उसके आसपास के शहरों में तेज हमले किए हैं। ईरानी ड्रोन्स के जरिए ये हमले किए जा रहे हैं, जिन्हें सुसाइड ड्रोन के तौर पर ख्याति प्राप्त है। ये ड्रोन 2,000 किलोमीटर तक सफर कर लेते हैं और टारगेट के पास जाकर फट जाते हैं। इनमें 80 किलो तक विस्फोटक भरा होता है। इसके चलते इमारतें ध्वस्त हो जाती हैं। इन हमलों से यूक्रेन में बड़ा नुकसान हो रहा है और रूस को अपनी ताकत भी ज्यादा इस्तेमाल नहीं करनी पड़ रही। बता दें कि दुनिया भर में ड्रोन वारफेयर का प्रचलन बीते कुछ सालों में शुरू हुआ है। हम भारत में भी देखते हैं कि पाकिस्तान की ओर से बीते कुछ महीनों में बड़ी संख्या में विस्फोटकों के साथ ड्रोन भेजे गए हैं। भारत ने भी इस तकनीक पर काम करना शुरू किया है।
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