यूपी (मानवी मीडिया) 23 पीसीएस अफसरों को आईएएस पद पर पदोन्नति देने के लिए शुक्रवार को संघ लोक सेवा आयोग की अध्यक्षता में डीपीसी हुई। इसमें 16 पीसीएस अफसरों के सीधी पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। सात के नामों पर प्रोविजनल विचार किया गया है।इनमें से चार के खिलाफ अभियोजन की कार्रवाई चल रही है।
संघ लोक सेवा आयोग के लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला की अध्यक्षता में शुक्रवार को लखनऊ में बैठक हुई।इसमें यूपी के तरफ से मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आरके तिवारी और अपर मुख्य सचिव नियुक्ति देवेश चतुर्वेदी मौजूद रहे।इसके अलावा केंद्र ने संयुक्त सचिव स्तर के दो आईएएस अधिकारियों को बतौर सदस्य भेजा था।
बैठक में वर्ष 2000, वर्ष 2002 वर्ष और 2004 के कुल 23 पीसीएस अफसरों के नामों पर विचार किया गया।इनमें से चार अफसरों भीष्मलाल वर्मा हरीश चंद्र, अंजू लता कटियार और प्रभुनाथ के खिलाफ अभियोजन की कार्रवाई चल रही है। तीन अन्य के खिलाफ अन्य विभागीय कार्रवाई चल रही है। इसलिए इन सातों के नामों पर प्रोविजनल विचार किया गया है।अगर इनकी जांच 31 दिसंबर तक खत्म हो जाती है तो इनको इसी साल से आईएस बना दिया जाएगा, वरना अगले साल इनके नामों पर पुनः विचार किया जाएगा।इसके अलावा सोलह पीसीएस अफसरों की पदोन्नति लगभग तय मानी जा रही है।
जल्द ही संघ लोक सेवा आयोग से मंजूरी के बाद नियुक्ति विभाग पदोन्नति संबंधी आदेश जारी करेगा। जो अफसर पीसीएस से आईएएस में प्रमोट होंगे। उसमें मुख्यमंत्री कार्यालय में विशेष सचिव पद पर तैनात 2000 बैच के आशुतोष मोहन अग्निहोत्री, कामता प्रसाद सिंह, राम सहाय यादव, अतुल सिंह, राम सिंह वर्मा और मंजूलता शामिल हैं। इसके अलावा 2002 बैच की अलका वर्मा, सन्तोष कुमार, सुनील कुमार सिंह, चित्रलेखा सिंह, सतीश पाल व मदन सिंह गब्र्याल और 2004 बैच के विपिन कुमार मिश्रा, रेखा एस.चौहान, अनिल कुमार सिंह-प्रथम और रीना सिंह शामिल हैं।