घर में पाले जाने वाले विदेशी कुत्तों का पंजीकरण जरूर हो और उनका नियमित टीकाकरण प्रमाण पत्र भी देखा जाए। इसके अलावा निगम में चल रहे विदेशी कुत्तों के बिक्री और प्रजनन केंद्रों को बिना वैध लाइसेंस के न चलने दिया जाए और ऐसे सेंटर को बढ़ावा न दिया जाए।
कुत्तों की जनसंख्या को बढ़ने से रोकने के लिए जरहरा स्थित पशु जन्म नियंत्रण केंद्र में श्वान पशु नियंत्रण प्रोजेक्ट के लिए प्रशिक्षण केद्र स्थापित करने को कहा गया है। इसमें कार्यदायी संस्थाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें तीन माह के अंदर प्रशिक्षण शुरू करने को कहा गया है। जिन शहरों में यह केंद्र नहीं है वहां जल्द से जल्द इन्हें स्थापित करने को कहा गया है। यूपी श्वान पशु जन्म नियंत्रण अनुश्रवण समिति की ओर से एक उप समिति भी बनाने को कहा गया है।
लखनऊ नगर निगम द्वारा संचालित एनिमल बर्थ कंट्रोल कैंपस (एबीसीसी) में एक प्रशिक्षण केंद्र चलाया जाएगा, जहां ऐसे निकायों में काम करने के लिए संस्थाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा, जहां एबीसीसी नहीं हैं। लखनऊ के अलावा गाजियाबाद व अयोध्या में एबीसीसी अभी बन रहा है इसके अलावा बाकी के 14 नगर निगमों को आदेश दिए गए हैं कि वे दो साल में अनिवार्य तौर पर एबीसीसी बनाएं और उसे क्रियाशील करें। नगर निगमों वाले जिलों के अलावा के 58 जिलों में अगले पांच साल में एबीसीसी चरणबद्ध तरीके से स्थापित किए जाएंगे। शासन ने शहरी निकायों को कहा है कि अगर कहीं से भी किसी कुत्ते के रैबीज से संक्रमित होने की शिकायत आती है तो उसपर फौरन कार्रवाई होनी चाहिए।