पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने आगे कहा, “वर्ष 1996 से 2004 तक यानी लोक सभा की तीन पारी हम दोनों लोकसभा में साथ में थे. तभी उनसे मित्रता हुई. मुलायम सिंह जी सांसद रहे, मुख्यमंत्री रहें या और कुछ; लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता के लिए तो उनकी एक मात्र सही पहचान रही ‘नेताजी’!
जब वर्ष 2014 में. राष्ट्रपति ने मुझे उत्तर प्रदेश का राज्यपाल मनोनीत किया तब उसी दिन दूरभाष कर मुलायम सिंह जी ने मेरा उत्तर प्रदेश में स्वागत किया. उत्तर प्रदेश के राज्यपाल पद के काल में कई बार समाजवादी पार्टी के कई लोगों ने मुझ पर निशाणा साधा; मगर कभी भी उनमे मुलायम सिंह नहीं थे. मेरा सौभाग्य रहा कि मेरे हातों उन्हें डी.लिट्. से सम्मानित किया गया.”
स्व मुलायम सिंह जी की आत्मा को सद्गति प्राप्त हो तथा अखिलेश व सम्पूर्ण परिवार जनों को यह क्षति सहने की शक्ति परमात्मा प्रदान करें, ऐसी प्रार्थना पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक ने की है.