उ0प्र0 को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दी 7000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Saturday, October 8, 2022

उ0प्र0 को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दी 7000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात

लखनऊ (मानवी मीडिया) केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री  नितिन गडकरी ने लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) के 81वें अधिवेशन का शुभारंभ किया।अधिवेशन में गड़करी ने कहा कि उतर प्रदेश में 2024 के पहले सड़क पर कुल पांच लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा।उन्होंने कहा कि उतर प्रदेश को आज मैं कुल 7 हजार करोड रुपये की सौगात दे रहा हूं जिसमें शाहाबाद बाईपास-हरदोई बाईपास-1212 करोड़ रु.,शाहजहांपुर से शाहाबाद बाईपास,35 किमी- 950 करोड़ रु.,मुरादाबाद से काशीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग- 2007 करोड़,गाजीपर-बलिया 1708 करोड़ रुपये और 13 रेलवे ओवर ब्रिज-1000 करोड रुपये व अन्य प्रोजेक्ट शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2024 तक उतर प्रदेश का रोड बुनियादी ढांचा अमेरिका के बराबर होगा।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का निर्देश है कि भारत की 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था को नं. पांच से नं. 1 पर लाना है और उसके लिये रोड का निर्माण अति आवश्यक है।श्री गड़करी ने कहा कि जरुरी नहीं है कि हमारे पास सबकुछ ‘’बेस्ट’’ ही हो, समय की मांग है कि ‘’वेस्ट’’ का प्रयोग कर उतर प्रदेश में वातावरण को बिना नुकसान पुहंचाये सड़क का निर्माण किया जाये।उन्होंने कहा कि ईकोनामी,ईकोलाजी के साथ पर्यावरण औऱ परिवेश पर भी ध्यान देना होगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत विकासशील देश है और यहां निर्माण की कीमत अधिक है इसलिये हमें ध्यान रखना होगा कि निर्माण की कीमत को कम और गुणवत्ता को बढाया जाये।श्री गड़करी ने जनता से अपील की डीजल पेट्रोल की बजाय एथेनाल,मेथेनाल,विद्युत औऱ सीएनजी के वाहन प्रयोग करें जिससे किराया भी सस्ता होगा।उन्होने कहा कि आज हम पराली से एक लाख लीटर बायो एथनॉल बना रहे हैंऔर साथ ही हम इससे बायो सीएनजी बनाने पर भी काम कर रहे हैं। श्री गडकरी ने ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य की जरूरत करार देते हुए कहा कि अगर हमारे देश के 117 आकांक्षी जिलों में अगर इस तकनीक पर काम किया जाए तो उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत होने में पूरी मदद मिलेगी और इससे देश में रोजगार सृजन भी होगा। आईसीसीएसए का मानना है कि नेट जीरो के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जो तकनीकी रोडमैप पेश किया जा रहा है, वह ट्रिपल ई (इकोनमी, एनवायरमेंट व इकोलॉजी) की अवधारणा पर आधारित है। इसके लिए सबसे ज्यादा ग्रीन हाउज गैस उत्सर्जन करने वाले जिन पांच सेक्टरों को चुना गया है, उनमें तेल व प्राकृतिक गैस, कृषि व पशुपालन, लैंडफिल एडं वेस्ट, कोयला खनन और परिवहन प्रमुख हैं।


Post Top Ad