बता दे कि एनआईए व अन्य एजेंसियों ने गुरुवार को 15 राज्यों में 93 स्थानों पर एक साथ छापे मारे थे। इस दौरान पीएफआई के 106 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। केरल में पीएफआई के सबसे अधिक 22 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए लोगों में इसके अध्यक्ष ओएमए सलाम भी शामिल हैं। वहीं बीजेपी की केरल इकाई ने हालांकि पीएफआई की केरल में प्रस्तावित हड़ताल को अनावश्यक बताया और राज्य सरकार से इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया।
पीएफआई की ओर से शुक्रवार को बुलाए गए बंद को देखते हुए केरल पुलिस ने राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी है। जिला पुलिस प्रमुखों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। पुलिस की ओर से जारी बयान के अनुसार, कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकारी बस सेवा केएसआरटीसी ने कहा है कि वह बसों का संचालन जारी रखेगी। परिवहन निगम ने कहा कि जरूरत पड़ने पर अस्पतालों, हवाई अड्डे तथा रेलवे स्टेशनों तक पहुंचने के लिए विशेष सेवा संचालित की जाएगी। परिवहन निगम ने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो पुलिस सुरक्षा की भी मांग की जाएगी।
बीजेपी की प्रदेश इकाई के प्रमुख के सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि पीएफआई की ओर से पहले भी बुलाई गई सभी हड़ताल में दंगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के प्राधिकारियों को लोगों के जीवन और संपत्ति की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पीएफआई बाहुबल के जरिए आतंकवाद के मामलों से निपटने की कोशिश कर रहा है और उसके नेतृत्व से यह ध्यान रखने को कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है न कि एक धार्मिक राष्ट्र। सुरेंद्रन ने एक बयान में कहा कि अनावश्यक हड़ताल के खिलाफ उच्च न्यायालय के कड़े रूख के बावजूद राज्य में वामपंथी सरकार वोट बैंक पर नजर रखते हुए पीएफआई के प्रति नरम रुख दिखा रही है।
पीएफआई ने यहां एक बयान में कहा कि केन्द्रीय एजेंसियों की कार्रवाई के विरोध में केरल में शुक्रवार को सुबह से शाम तक की हड़ताल का आह्वान किया गया है। बयान में कहा गया है कि इसकी राज्य समिति ने महसूस किया कि संगठन के नेताओं की गिरफ्तारी राज्य प्रायोजित आतंकवाद का हिस्सा थी। पीएफआई के प्रदेश महासचिव ए अब्दुल सत्तार ने कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नियंत्रण वाली फासीवादी सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके असहमति की आवाज को दबाने के प्रयास के खिलाफ राज्य में 23 सितंबर को हड़ताल की जाएगी। उन्होंने कहा कि सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक हड़ताल की जाएगी।
सुबह जैसे ही छापों की खबर आयी तो पीएफआई कार्यकर्ताओं ने उन स्थानों की ओर मार्च निकाला, जहां छापे मारे गए और केंद्र तथा उसकी जांच एजेंसियों के खिलाफ नारे लगाए। बहरहाल, ऐसे सभी स्थानों पर पहले ही केंद्रीय बलों की तैनाती की गयी थी। पीएफआई के एक सूत्र ने यहां बताया कि तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, कोट्टायम, एर्णाकुलम और त्रिशूर समेत लगभग सभी जिलों में विरोध मार्च निकाले गए।