लखीमपुर (मानवी मीडिया) 14 सितंबर को लखीमपुर खीरी कांड ने प्रदेश ही नहीं पूरे देश को हिलाकर रख दिया। गिरफ्तार आरोपियों के परिजनों को अब उनके ऊपर कार्रवाई का डर सताने लगा है। दरअसल आरोपियों के परिजनों को डर है कि कहीं उनका घर न गिरा दिया जाए। गुरुवार को प्रशासन ने आनन-फानन में दोनों बहनों का अंतिम संस्कार कराने के लिए कब्र खुदवाई थी। कब्र खुदवाने के लिए जेसीबी मंगाई गई थी। इस सूचना के बाद गांव में यह हल्ला हो गया कि आरोपियों का घर तोड़ने बुलडोजर आ रहा है। इसके बाद आरोपियों के परिजन घर का तमाम सामान हटाने लगे। मुख्य आरोपी जुनैद के घर वालों ने वे कमरे खाली कर दिए, जिसमें अनाज रखा था।
अन्य आरोपियों के घरवालों ने भी कई बड़े बक्शे वहां से हटा दिए। हालांकि उसके बाद जब जेसीबी चली गई तो घरवालों ने बक्शा आदि वापस रख दिया। लेकिन तमाम सामान रिश्तेदारों के घर पहुंचा दिया है। उनका कहना है कि घर तोड़ा गया तो वे कहां रहने जाएंगे। जिसने अपराध किया है, उसी को सजा दी जाए। हालांकि जब उन्हें पता चला कि जेसीबी कब्र खोदने के लिए मंगाई गई तो आरोपियों के परिजनों ने राहत की सांस ली। बतादें कि निघासन कांड के पांच आरोपी निघासन थाना क्षेत्र के लालपुर गांव के हैं। ये आरोपी विशेष समुदाय के हैं। इनमें से एक आरोपी को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया। उसके पैर में गोली लगी थी। पुलिस सभी को जेल भेज चुकी है। उन पर एनएसए लगाने की तैयारी है।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमे की तैयारी, जल्द मिलेगा इंसाफ
निघासन थाना क्षेत्र में दो किशोरियों की दुराचार के बाद हत्या करने के मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराये जाने का सूबे के मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने और पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय दिलाने के लिए ऐसा आदेश दिया है। लेकिन मुकदमे में पाक्सो अधिनियम की भी धाराएं हैं। इसलिए मुकदमे का विचारण पाक्सो कोर्ट में ही किया जाएगा। अभियोजन की अर्जी पर जिला जज अथवा उच्च न्यायालय मुकदमे को शीघ्र और वरीयता के आधार पर निर्णीत करने का आदेश दे सकते हैं।
अभियोजन की पैरवी कर रहे पाक्सो एक्ट के विशेष लोक अभियोजक बृजेश कुमार पांडेय का कहना है कि मृतका किशोरियां हैं इसलिए पाक्सो एक्ट की धाराएं भी मुकदमे में लगाई गई हैं। इस मुकदमे का परिक्षण पाक्सो कोर्ट में ही होगा। लखीमपुर में केवल दो पाक्सो कोर्ट हैं। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एसपी यादव का कहना है कि मुकदमे में पाक्सो अधिनियम की धाराएं भी होने के कारण मुकदमा तो पाक्सो कोर्ट में चलेगा। लेकिन अभियोजन की अर्जी पर जिला जज अथवा उच्च न्यायालय मुकदमे की सुनवाई वरीयता के आधार पर करने का निर्देश दे सकते हैं।