नई दिल्ली: (मानवी मीडिया) देशभर के शैक्षणिक संस्थानों में एक कॉमन ड्रेस कोड लागू करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया. कोर्ट ने कहा कि यह मामला ऐसा नहीं है कि हमें हस्तक्षेप करना पड़े. इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय के बेटे और लॉ स्टूडेंट 18 वर्षीय निखिल उपाध्याय की ओर से अर्जी दाखिल की गई थी.
याचिका में कहा गया था कि केंद्र और राज्य सरकारों को दिशा निर्देश दिया जाना चाहिए कि मान्यता प्राप्त सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए ड्रेस कोड लागू करें. ताकि देश में समानता, सामाजिक एकता और गरिमा सुनिश्चित हो और देश की एकता और अखंडता सुदृढ़ हो सके.
उपाध्याय की जनहित याचिका में केंद्र और राज्य सरकारों को देश भर के सभी पंजीकृत और राज्य मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों में एक समान ड्रेस कोड लागू करने के लिए अदालती निर्देश देने की मांग की गई थी.
फरवरी में याचिका ऐसे समय में दायर की गई थी जब कर्नाटक हाईकोर्ट हिजाब विवाद पर सुनवाई कर रहा था. मुस्लिम छात्राओं ने कर्नाटक HC में शैक्षणिक संस्थानों में वर्दी के बजाय हिजाब पहनने के अधिकार की मांग की थी जिसे खारिज कर दिया गया था