लखनऊ (मानवी मीडिया) प्रदेश में किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली नहीं मिलेगी। बुधवार को विधानसभा में सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने के सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि सरकार किसानों को सिंचाई के लिए 88 प्रतिशत सब्सिडी पर बिजली दे रही है। विपक्ष के सदस्यों के स्थिति स्पष्ट करने की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि ऊर्जा मंत्री कह चुके हैं कि मुफ्त बिजली नहीं दे सकते है। ऊर्जा मंत्री ने भी सवाल के लिखित जवाब में कहा है कि मुफ्त बिजली देने पर विचार करने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
विधानसभा में रालोद के सदस्य अजय कुमार और सपा के जियाउर्रहमान ने किसानों की फसल लागत कम करने और आय में वृद्धि के लिए नककूपों पर मुफ्त बिजली देने का मुद्दा उठाया। अजय कुमार ने कहा कि सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया था। लेकिन डीजल, यूरिया, बीज और खाद के दाम बढ़ने से किसान बदहाल है। ऐसे में किसानों को मुफ्त बिजली देनी चाहिए।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि किसानों की फसल उत्पादन लागत को कम करने के लिए सरकार बिजली की प्रचलित दरों और टैरिफ 750 रुपये प्रति हार्सपावर प्रतिमाह के मात्र 85 रुपये प्रति हार्सपावर प्रतिमाह ले रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि कनेक्शन पर 88.19 प्रतिशत की सब्सिडी से बिजली आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में निजी नलकूपों के लिए 7,097 करोड़ रुपये का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि अप्रैल से 18 सिंतबर तक 23169 नलकूप पर विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं। 7.5 हार्सपावर तक के नलकूप पर सोलर पंप लगाने पर 60 फीसदी तक सब्सिडी दी जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ऊर्जा मंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र की घोषणा के मुताबिक किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली दे पाएंगे या नहीं। इसके जवाब में भी ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 88 फीसदी से अधिक सब्सिडी पर बिजली दे रहे है। सपा के सदस्यों ने इसको लेकर हंगामा शुरू किया तो विधानसभा अध्यक्ष ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि ऊर्जा मंत्री बता चुके हैं कि मुफ्त बिजली नहीं दे पाएंगे।
सरकार ने बढ़ाई कीमत
सपा विधायक लालजी वर्मा ने कहा कि सपा सरकार के समय 2017 से पहले किसानों से मात्र 55 रुपये प्रति हार्सपावर प्रति माह की दर से विद्युत बिल वसूला जा रहा था। भाजपा सरकार ने इसे बढ़ाकर 85 रुपये कर दिया है।